Bageshwar Dham Dheerendra Shastri said if you remain a pet you will be in the shelter of God पालतू रहोगे तो भगवान की शरण में रहोगे, श्रीमती के चक्कर में न पड़ो; हनुमंत कथा में बोले धीरेंद्र शास्त्री, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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पालतू रहोगे तो भगवान की शरण में रहोगे, श्रीमती के चक्कर में न पड़ो; हनुमंत कथा में बोले धीरेंद्र शास्त्री

मेरठ में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की कथा के अंतिम दिन शनिवार को कथास्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। कथा में बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि भगवान के पालतू रहोगे तो उनकी शरण में रहोगे। श्रीमति के चक्कर में मति न खराब करो।

Pawan Kumar Sharma संवाददाता, मेरठSat, 29 March 2025 08:10 PM
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पालतू रहोगे तो भगवान की शरण में रहोगे, श्रीमती के चक्कर में न पड़ो; हनुमंत कथा में बोले धीरेंद्र शास्त्री

यूपी के मेरठ में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की कथा के अंतिम दिन शनिवार को कथास्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। कथा में बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि दुनिया को बदलना चाहते हो तो पहले देश को बदलो। देश बदलना है तो पहले क्षेत्र का बदलो। क्षेत्र बदलना है तो पहले गांव को बदलो। गांव बदलना है तो पहले समाज को बदलो। समाज को बदलना है तो पहले परिवार को बदलो। परिवार बदलना है पहले घर को बदलो और घर को बदलना है तो पहले खुद को बदलो। बागेश्वर धाम सरकार ने आगे कहा कि भगवान के पालतू रहोगे तो उनकी शरण में रहोगे। श्रीमति के चक्कर में मति न खराब करो।

जागृति विहार एक्सटेंशन में कथा के मंच पर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कथा कहते हुए हनुमानके चरित्र का वर्णन किया। कहा कि सुबह होती है शाम होती है जिंदगी यू हीं तमाम होती है, खुश नसीब हो जाता है वह जिसकी जिंदगी बालाजी के नाम होती है। हनुमान पर भरोसा करोगे तो हनुमानतुम्हारी चिंता करेंगे। अमंगल खत्म कर मंगल जीवन में भर देंगे। भगवान धन के नहीं भाव के भूखे होते हैं। हनुमानके दर्शन से ही जीवन मंगलमय हो जाता है। मति और गति का महत्व बताते हुए कहा कि भगवान की शरण में आने से गति बढ़ जाती है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो भगवान का भक्त हो जाता है, वह टेंशन में नहीं, अटेंशन में रहता है।

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उन्होंने कहा कि पालतू और फालतू दोनों में अंतर है। एक कुत्ता पालतू होता है उसके गले में पट्टा होता है वह कोई गलती करता है तो उसका मालिक गाली खाता है। फालतू कुत्ता कोई गलती करता है तो वह खुद ही पिटाई खाता है। भगवान के पालतू रहोगे तो भगवान की शरण में रहोगे। भक्ति का टीका मस्तिष्क पर लगा होगा तो काल भी तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। शतगति पानी है तो भगवान की शरणगति लेनी ही पड़ेगी। भगवान के हो जाओ भगवान तुम्हारे हो जाएंगे।

श्रीमती के चक्कर में मति न खराब करो

कथा में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने शरणगति का महत्व बताया। कहा कि भगवान की शरण में रहने से आशीर्वाद मिलता है। वहीं जब घर में श्रीमती का प्रवेश होता है तो कुछ लोगों की मति खराब हो जाती है। वह श्रीमती के चक्कर में ईश्वर की भक्ति को भूल जाते हैं और जैसा श्रीमती कहती हैं वैसा ही करने लगते हैं। इसलिए श्रीमती के साथ रहो लेकिन ईश्वर की भक्ति को न भूलो।

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यह सनातन चेतना का स्वर्णिम दौर है: नंद गोपाल नंदी

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी शनिवार को धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा में पहुंचे। उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की और पंडाल में बैठकर कथा सुनी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय सनातन चेतना का स्वर्णिम दौर है।

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जिस तरह हिंदू जनमानस में एकता और वीरता को जागृत कर रहे हैं, वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर बना। जिसका सदियों से राम भक्तों को इंतजार था। मथुरा में विकास कार्य हो रहे हैं और डबल इंजन की सरकार में आध्यात्मिक विकास को भी बल मिल रहा है। अयोध्या में रामलला मंदिर और काशी विश्वनाथ बाबा की सनातन धर्म के मानने वाले जय जयकार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह धीरेंद्र शास्त्री हिंदू राष्ट्र के लिए जन जागरण कर रहे हैं और हिंदुओं को एकजुट कर रहे हैं, उनमें स्वामी विवेकानंद की छवि दिखाई पड़ती है। हिंदुओं में एकता और वीरता जागने के उनके अद्भुत कार्य की सराहना की। इससे पहले कथा के मुख्य संयोजक नीरज मित्तल एवं सचिव गणेश अग्रवाल समेत समिति पदाधिकारी और सदस्यों ने उनका स्वागत किया।

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कथा को आत्मसात करें, तभी जीवन सार्थक होगा: अरुण गोविल

हनुमंत कथा के अंतिम दिन सांसद अरुण गोविल भी कथा में पहुंचे। उन्होंने कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की और कथा सुनी। सांसद ने कहा कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्ते अच्छे हों, सभी जीवन में सुख और शांति होगी। उन्होंने कहा कि राम को पाना है तो हनुमान को याद कर लेना। राम वहीं होते हैं जहां हनुमान होते हैं।

उन्होंने कहा कि कथा से मिलने वाले ज्ञान को जीवन में उतारें, सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को अच्छा रखें, तभी जीवन में शांति मिलेगी। कथा सुनने और उसे जीवन में उतारने से जीवन में सुख-शांति मिलती है और जीवन सार्थक होता है। उन्होंने कहा है कि अच्छी बात है कि लोग आध्यात्मिक और धर्म को महत्व दे रहे हैं। सांसद को कथा के मुख्य संयोजक नीरज मित्तल और कथा सचिव गणेश अग्रवाल ने चांदी का गदा देकर सम्मानित किया।