बाल श्रम समाप्त कर बच्चों को शिक्षा और बेहतर जीवन प्रदान करना बनाएं उद्देश्य
Chitrakoot News - चित्रकूट में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों के अधिकारों और बाल श्रम रोकने के लिए कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों के अधिकार, सुरक्षा और विकास पर चर्चा की गई।...
चित्रकूट, संवाददाता। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सीआईसी में बच्चों के अधिकार, लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम व बाल श्रम रोकने को कानूनी विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें बाल श्रम समाप्त कर बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही उनको बेहतर जीवन प्रदान करने पर जोर दिया गया।
अधिकार मित्र पराविधिक स्वयं सेवक शिव कुमार ने बच्चों के चार अधिकारों जीवन जीने, विकास, सुरक्षा और सहभागिता के अधिकार की जानकारी दी। सहायक न्याय रक्षक लीगल एड डिफेन्स काउंन्सिल योगेन्द्र सिंह ने बाल अधिकार और बाल संरक्षण के लिए बनाए गए नए कानूनों विशेषकर यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट), बाल श्रम निवारण अधिनियम आदि के साथ ही बच्चों को यौन शोषण एवं बाल श्रम से बचाने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया। श्रम प्रवर्तन अधिकारी महेंद्र शुक्ला ने कहा कि बाल श्रम बच्चों के अधिकारों का हनन है। जो उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इस समस्या से निपटने के लिए बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम लागू किया गया है और कई अन्य उपाय भी किए गए हैं। जिनका उद्देश्य बाल श्रम को समाप्त कर बच्चों को शिक्षा और बेहतर जीवन प्रदान करना है। इस दौरान प्रधानाचार्य डा रणवीर सिंह चौहान ने भी बाल श्रम को रोकने पर विचार रखे। इधर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से अगले महीने 10 मई को रष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आपसी सुलह समझौते के आधार पर वादों का निस्तारण किया जाएगा।
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