राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़े तो कोई समस्या नहीं, अयोध्या में बोले सीएम योगी, कहा- मेरी तीन पीढ़ियां...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि कि उनकी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं। अगर राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी भी पड़े तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में हनुमानगढ़ी और रामलला का भव्य दर्शन और पूजन किया। राम मंदिर में पुजारियों ने योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाकर एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि कि उनकी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं। राम मंदिर के लिए अगर सत्ता भी गंवानी पड़े तो कई समस्या नहीं होनी चाहिए।
दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी पहुचे। यहां उन्होंने पूजा अर्चना की। साथ ही मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत अयोध्या मंडल के सभी जिलों से आए युवाओं को ऋण वितरित किया। अयोध्या जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, "मेरी तीन पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि के लिए समर्पित थीं। मुझे कोई समस्या नहीं थी लेकिन शासकीय व्यवस्था जिस नौकरशाही से जकड़ी होती हैं उस नौकरशाही में बड़ा वर्ग ऐसा था जो कहता था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद हो जाएगा। मैंने कहा कि विवाद खड़ा होना है तो होने दीजिए। लेकिन अयोध्या के बारे में सोचने की आवश्यकता है। फिर एक वर्ग ऐसा था जो कहता था कि आप जाएंगे तो राम मंदिर की बात होगी। मैंने कहा कि हम कौन सा सत्ता के लिए आए हैं। अगर राम मंदिर के लिए सत्ता गंवानी भी पड़े तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम लोग इस कार्यक्रम के साथ जुड़े।"
योगी ने अपने भाषण में आगे कहा, “अयोध्या में दीवाली से एक दिन पहले दीपोत्सव एक पर्व बन गया है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मैं पिछली वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या को देख रहा था। और मैंने 2015-16 के आंकड़ों को देख रहा था। एक समय था जब पूरे साल में 2 लाख 34 हजार श्रद्धालु 2016-17 में आए थे। जबकि पिछले साल 16 करोड़ की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या धाम आए। अभी आप देख रहे होंगे कि आज भी लाखों लोग दर्शनार्थी अयोध्या में आए हुए हैं। लोग चाहते थे लेकिन लीडरशीप का अभाव था। सही जानकारी और सही तथ्यों को सामने नहीं आने देते थे। लेकिन आभारी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी का, जिन्होंने विरासत और विकास को एक साथ जोड़कर परंपरा को एक साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”