इनामी अजय तिवारी समेत धोखाधड़ी के दोनों आरोपित भेजे गए जेल
Deoria News - देवरिया में शराब तस्करी के आरोपी अजय तिवारी और रमेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। अजय पर 2.61 करोड़ और रमेश पर 1.14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। दोनों को जेल भेज...

देवरिया, निज संवाददाता। शराब तस्करी में शामिल रहे गबन के आरोपी अजय तिवारी व उसके साथी रमेश यादव को कोतवाली पुलिस ने रविवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। फरार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पुलिस दबिश दे रही है। शहर के राम गुलाम टोला निवासी अजय तिवारी पुत्र चुम्मन तिवारी पहले शराब गोदाम पर कार्य करने के साथ ही शराब की दुकानों को संचालित करता था। इसके विरुद्ध 25 दिसंबर 2024 को सलेमपुर की ब्लाक प्रमुख सीमा सिंह ने अजय तिवारी, उसकी पत्नी जागृति चौधरी, रामचंद्र यादव व रमेश यादव के विरुद्ध 2.61 करोड़ का धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया।
इसके बाद 8 दिसंबर 2024 लार थाना क्षेत्र के बरडीहा दलपत निवासी अमरेश प्रताप सिंह ने अजय तिवारी, रामचंद्र यादव व रमेश यादव के विरुद्ध 1.14 करोड़ रुपये हड़प लेने का केस दर्ज कराया। इन दोनों मामलों में आरोपी फरार चल रहे थे। रामपुर कारखाना के सिरसिया महदेवा के रहने वाले रमेश यादव पर 25 हजार तो अजय तिवारी के विरुद्ध एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। दोनों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी समेत अन्य टीमें लगाई गई थीं। लेकिन दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी। एक दिन पहले एसटीएफ गोरखपुर ने कुशीनगर से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही कोतवाली पुलिस को लाकर सौंप दिया था। रविवार की सुबह पूछताछ के बाद दोनों को कोतवाली पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। ---------------------------------- 18 वर्ष में अर्श से जेल तक पहुंचा अजय तिवारी अजय तिवारी के पिता चुम्मन तिवारी देवरिया के व्यवसायी संजय केडिया के यहां घरेलू कार्य करते थे। अजय तिवारी संजय केडिया के शराब के धंधे का काम संभालने लगा। बाद में अजय तिवारी शराब तस्करों से जुड़ गया और यूपी से लेकर बिहार तक उसका रैकेट फैल गया। शराब तस्करी में उसका नाम दिसंबर 2024 को तब आया, जब बनकटा के जंजीरहा में बड़े पैमाने पर शराब पकड़ी गई। कभी अजय तिवारी की देवरिया से लेकर बिहार तक तूती बोलती थी और लग्जरी लाइफ जीता था। इसके बाद कोलकाता में प्राइवेट कंपनी खोल ली और लोगों का रुपया लेकर कंपनी में लगाने लगा। इसी बीच उसके खिलाफ जालसाजी के केस दर्ज होने लगे। आठ माह में उसके विरुद्ध पांच जालसाजी के केस दर्ज हो गए। जिसके बाद चंद दिनों में वह अर्श से जेल पहुंच गया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।