केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण में कार्यालय के घुन ही बन गए रोड़ा
Deoria News - देवरिया में केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण में कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने हेरफेर कर रुकावट डाली। 2005 में भूमि आवंटित होने के बाद भी विवाद के चलते निर्माण नहीं हो सका। कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज...

देवरिया, निज संवाददाता। नौनिहालों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शहर में केंद्रीय विद्यालय तो खोला गया, लेकिन उसके भवन निर्माण में कलेक्ट्रेट के ही कर्मचारी ही रोड़ा बन गए। जेबें गरम होते ही जमीन हड़पने की साजिश रचने वालों के इशारे पर कर्मचारियों ने कागजात में ही हेरफेर कर दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस अब इसमें शामिल कर्मियों के साथ ही जमीन हड़पने की साजिश रचने वाले लोगों के गिरबां तक पहुंचने के लिए जांच शुरू कर दी है। कोतवाली पुलिस ने मुख्य राजस्व अधिकारी जलराजन चौधरी से मुलाकात की और कागजात मांगा। माना जा रहा है कि कोतवाली पुलिस जल्द ही पूरे प्रकरण का भंडाफोड़ करते हुए इसमें शामिल लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा देगी।
देवरिया का केंद्रीय विद्यालय आज भी उधार के भवन में संचालित हो रहा है। जबकि 2005 में अमेठी में केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि तो आवंटित कर दिया गया, लेकिन कुछ लोगों ने इस भूमि पर ही अपना स्वामित्व का दावा कर दिया। जिसके चलते भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा। 21 जून 2018 से 1 मार्च 2025 के बीच कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में ही कागजात में हेरफेर कर दिया गया और कागजात में ओवरराइट किया गया। डीएम दिव्या मित्तल के निर्देश पर प्रकरण की जांच हुई तो पूरी बात सामने आ गई। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने डीएम के निर्देश पर केस दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कोतवाली पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है। कलेक्ट्रेट पहुंच कोतवाली पुलिस ने मुख्य राजस्व अधिकारी के साथ ही अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और इससे संबंधित कागजात व अन्य जानकारियां मांगी।
कोतवाली पुलिस ने यह भी मांगा है कि निर्धारित समय में कौन-कौन से कर्मचारी को अभिलेखागार की जिम्मेदारी रही और कौन-कौन अधिकारी भी इसके जिम्मेदार हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कुछ कागजात मिल गए हैं। जल्द ही जवाबदेह कर्मचारी व अधिकारियों को नोटिस दी जाएगी, इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। उधर निर्धारित समय में तैनात रहे कर्मचारी व अधिकारी पहले ही अपने को शामिल न होने की सफाई अधिकारियों के सामने पेश करना शुरू कर दिए हैं। अब देखना है कि कोतवाली का हाथ कितने कर्मचारियों व अधिकारियों के गिरबां तक पहुंचता है। कोतवाल दिलीप सिंह ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता से विवेचना की जा रही है। इसमें शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। राजस्व विभाग के अधिकारी से मिलकर कागजात मांगे गए हैं।
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