ओपीडी में बढ़ी बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या
Deoria News - देवरिया, निज संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज के ओपीडी में मंगलवार को मरीजों
देवरिया, निज संवाददाता। महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज के ओपीडी में मंगलवार को मरीजों की भीड़ बढ़ने के साथ ही उनकी मुश्किलें भी बढ़ गईं। मरीजों को चिकित्सक कक्ष के सामने करीब दो- दो घण्टे इंतजार करने के बाद इलाज मिल सका। मौसम में परिवर्तन होने से मेडिसिन विभाग के ओपीडी में बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक रही, भीड़ के कारण परिसर में पैर रखने तक का भी जगह नही बचा था। वहीं हड्डी व सर्जरी विभाग में लाइन लम्बी होने से चिकित्सक कक्ष में बगल से घुसने को लेकर हंगामा होता रहा। जबकि कई मरीज भीड़ देखकर वापस भी लौट गए।
मेडिकल कोलज के ओपीडी में मंगलवार को मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी, भीड़ के कारण मरीजों को चिकित्सकों से दिखाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रजिस्ट्रेन कांउटर पर तो दोपहर करीब साढ़े बारह बजे के बाद भीड़ बिल्कुल ही खत्म हो गई, लेकिन चिकित्सक कक्ष के सामने भीड़ जस की तस बनी रही। मेडिसिन विभाग के ओपीडी में मरीजों के भीड़ का आलम यह था कि चिकित्सक कक्ष के बाहर परिसर में पैर तक रखने की जगह नही थी, मरीज गैलरी तक लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। वहीं अधिकांश मरीज लाइन में खड़ा- खड़ा थक जाने के बाद फर्श पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे। मेडिसिन में विभाग में मौसम के परिवर्तन के कारण सबसे अधिक मरीज बुखार के ही थे। वहीं हड्डी व सर्जरी विभाग में भी मरीजों की अधिक भीड़ रही, हड्डी विभाग में चिकित्सक कक्ष में घुसने के लिए मरीज आपस में ही धक्का- मुक्की करते रहे, जिन्हे संभालने में चिकित्सक कक्ष के सामने तैनात होमगार्डों को भी मुश्किल हो गया। हाथ व पैर के फ्रैक्चर लेकर पहुंचे कई मरीजों को भीड़ के कारण अधिक परेशानी हुई। वहीं सर्जरी विभाग में मरीजों की लम्बी लाइन होने के कारण कई मरीज बगल से भी घुसने का प्रयास करने लगे, जिसे देखकर लाइन में खड़े मरीजों ने विरोध करना शुरू कर दिया और कई मरीज चिकित्सक कक्ष के दरवाजे के पास आकर खड़े हो गए, वहीं कई मरीज घुसने को लेकर आपस में बहस भी कर लिए। बाल रोग विभाग में बीमार बच्चों की अधिक रही भीड़ मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में मंगलवार को बीमार बच्चों की भीड़ अधिक रही। मौसम में परिवर्तन होने के कारण सबसे अधिक बुखार, उल्टी व दस्त की समस्या के पीड़ित बच्चों को लेकर उनके अभिभावक पहुंचे थे। बीमार बच्चों की संख्या बढ़ने से बाल रोग विभाग के चिकित्सक कक्ष के सामने अभिभावकों की लम्बी लाइन रही। घंटों इंतजार करने के बाद बच्चों को अभिभावक चिकित्सकों से दिखा पाए।
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