पांच साल में लगाए गए सवा करोड़ पौधे, 4.78% बढ़ा वन क्षेत्र
Deoria News - देवरिया जिले में पिछले पांच वर्षों में 1.40 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिससे 4.78 प्रतिशत वन क्षेत्र बढ़ा है। हर साल जून में पौधरोपण अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष 32 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। सामाजिक...
देवरिया, निज संवाददाता पिछले पांच साल में जिले में 1.40 करोड पौधे लगे हैं। वन विभाग का दावा है कि इसके चलते जिले में 4.78 प्रतिशत वन क्षेत्र बढ़ा है। हर साल जून महीने में अभियान चलाकर पौधरोपण कराया जाता है। वन विभाग से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में पांच वर्ष में वन विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों द्वारा विभिन्न प्रजाति के लगभग कुल लगभग 1 करोड़ 25 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। जिनमें 20-21 में 26,52,956, 21-22 में 31,16,677, 22-23 में 33,19,876, 23-24 में 31,48,460 व 24-25 का लक्ष्य 31 लाख 57 हजार 356 पौधे जिले में वन विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए हैं।
पौधरोपण अभियान के तहत हर साल छोटी गंडक नदी के किनारे किसी न किसी चिन्हित स्थान पर हजारों पौधे लगाए जाते हैं। शासन से अभियान के तहत हर वर्ष सरकारी विभागों द्वारा हर साल लक्ष्य पूर्ण करने के लिए पौधरोपण तो कर दिया जाता है लेकिन उनकी समय से सिंचाई नहीं होने से पौधे सूख भी जाते हैं। वहीं भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 4.78 प्रतिशत वन क्षेत्र बढ़ा है। इस साल 32 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य शासन द्वारा वर्ष 25-26 के लिए 32,69,766 वन विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों द्वारा पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें 8 लाख से अधिक पौधरोपण का अकेले वन विभाग का लक्ष्य निर्धारित है। पर्यावरण प्रेमी ने छत पर ही उगा दी बागवानी शहर के न्यू कॉलोनी निवासी एडवोकेट सत्यदेव पांडेय पेड़ पौधों के इतने शौकीन है कि घर के छत पर ही बागवानी तैयार कर दी है। इनकी छत की बगिया में फलदार पौधों में आम, अमरूद, केला, कटहल, लीची, गुलाब, जामुन, पिस्ता, चीकू, सेव, आंवला, करवन आदि के पौधे लगे हैं। जबकि हर्बल पौधों में इलायची, लौंग, कपूर, पिपरामिंट लेमनग्रास दालचीनी तेजपत्ता अजवाइन और रुद्राक्ष के भी पौधे हैं। इसी प्रकार फूलों में गुलाब, गुड़हल, चमेली, कुंद, रजनीगंधा, गंधराज, कमल, बेला, चमेली व कनैल सहित अन्य विभिन्न प्रजाति के फूलों की बगिया की शोभा बढ़ा रहे हैं। छत पर ही उन्होंने सब्जी की भी खेती कर रखा है। सीजन के हिसाब से हरी सब्जी भी उगाते हैं। वर्तमान में नेनुआ, लौकी, सतपुतिया, बैगन, करैला, बोडो, भिंडी, कद्दू, हरी धनिया, स्ट्रॉबेरी, चौराई व पालक आदि हरी सब्जियां तैयार हैं। शमशाद बांट चुके एक लाख पौधे पर्यावरण प्रहरी के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध शमशाद मलिक मंदिर, मस्जिद, स्कूलों, कॉलेजों में पर्यावरण संरक्षित करने को हरियाली बढ़ा रहे हैं। ईद, होली तथा दीवाली जैसे प्रमुख त्यौहारों पर भी सभी सगे संबंधियों को पौधे ही उपहार में देकर प्रकृति की संरक्षण का शपथ लेते हैं। यही नहीं शादी-विवाह व अन्य उत्सवों में शमशाद पहुंचते हैं तो वे वर-वधू को पौधे भेंट करते हैं। ब्लॉक सलेमपुर के जमुआ नम्बर दो गांव निवासी शमशाद मलिक की करीब डेढ़ एकड़ में फैली बागवानी में फलदार व छायादार वृक्ष लहलहा रहे हैं। शमशाद को काशी विद्या पीठ तथा बीएचयू में लगे पौधों ने प्रभावित किया और गांव आकर खेत से बागवानी की शुरुआत की। अब करीब डेढ़ एकड़ की बागवानी में आम, लीची, अमरूद, चीकू, तेजपत्ता, रुद्राक्ष, गुलाब, गुड़हल आदि के पौधे लहलहा रहे हैं। शुभ अवसरों पर पौधे बांटते हैं संतोष सामाजिक संस्था निफा के जिलाध्यक्ष सन्तोष मद्धेशिया 2018 से पौधरोपण अभियान चला रहे हैं। सन्तोष मद्धेशिया के परिवार व संस्था द्वारा प्रतिवर्ष हजारों पौधे बांटने के साथ-साथ अब तक सैकड़ों पौधे लगाए जा चुके हैं। वहीं संस्था के सदस्यों द्वारा लोगों के जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, मांगलिक कार्यक्रम, परिजनों की स्मृति सहित अन्य सुअवसरों पर पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण ही हमारा जीवन है। धरती पर जीवन के लालन पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है।
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