आरबीएसके टीम ने पांच अति कुपोषित बच्चे पोषण पुर्नवास केन्द्र में कराये भर्ती
Etah News - एटा में आरबीएसके टीमें कुपोषित बच्चों का उपचार करने में जुटी हैं। चिकित्सक डा. रविन्द्र प्रताप सिंह और डा. पंकज ने पांच बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया है। अब तक 28 बच्चों को उपचार के...

एटा। ब्लॉक स्तर पर कार्य कर रही आरबीएसके टीम कुपोषित एवं गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को तलाश कर उपचार दिलाने में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। शीतलपुर आरबीएसए के टीम चिकित्सक डा. रविन्द्र प्रताप सिंह, डा. पंकज ने पांच बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में देखभाल के लिए भर्ती कराया है। जहां पर चिकित्सक डा. टीपी सिंह ने बच्चों का परीक्षण कर केन्द्र में देखभाल के लिए रखा है। पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराये गये बच्चों को शीतलपुर आरबीएसएके टीम सदस्य चिकित्सकों ने भ्रमण के दौरान गांव में जाकर चिन्हित किया गया। कुपोषित बच्चों के परिजनों को समझा-बुझाकर पोषण पुर्नवास केन्द्र तक लाये। जहां पर विधिवत रूप से केन्द्र के चिकित्सक डा. टीपी सिंह ने बच्चों का परीक्षण किया। बजन कराकर केन्द्र में 15 दिन की देखभाल के लिए भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने बताया कि कुपोषित बच्चों को तीन चरणों में देखभाल के लिए भर्ती किया जाता है। तब जाकर बच्चे कुपोषण मुक्त हो पाते हैं। केन्द्र में भर्ती कराये गये बच्चों में ग्राम छितौनी के एक वर्ष तीन माह की शिवांगी पुत्री प्रकाश, नौ माह की लक्ष्मी पुत्री सोमदेव, डेढ़ वर्ष का श्रीकृष्ण पुत्र विनीत और चोंचा वनगांव की आठ माह की संगीता पुत्री मनोज कुमार शामिल है।
जनपद में 16 आरबीएसके टीम कर रही कार्य
एटा, स्वास्थ्य विभाग की 16 आरबीएसके टीम ब्लॉक स्तर पर कार्य कर रही हैं। यह टीमें गांव-गांव फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम करने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों से जूझने वाले, कुपोषित बच्चों को तलाश कर उपचार दिलाने का काम करती हैं। आरबीएसके टीम शीतलपुर के चिकित्सक डा. रविन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक वह लगभग 28 सेम बच्चों को तलाश कर उपचार के लिए पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती करा चुके हैं।
जन्म के बाद देखभाल के अभाव में बच्चे हो रहे कुपोषित
एटा, जन्म के बाद कुपोषित हो रहे अधिकांश बच्चे मजदूर, किसान और गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं। जिनके जन्म के बाद खानपान पर ध्यान न दिये जाने से उनका सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता है। ऐसे बच्चों का आरबीएसके लक्षणों के आधार पर चयन करती है। कुपोषित बच्चों के परिजनों को समझा-बुझाकर आशा के माध्यम से उनको पोषण पुर्नवास केन्द्र तक लाने का कार्य करते हैं। जिससे बच्चों को देखभाल कराकर कुपोषण मुक्त बनाया जा सके।
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