Failed in Intermediate but still teaching in government school revealed after 16 years Babu Pradhan played a trick इंटर फेल फिर भी सरकारी स्कूल में टीचिंग, 16 साल बाद खुलासा, बाबू-प्रधान ने किया खेल, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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इंटर फेल फिर भी सरकारी स्कूल में टीचिंग, 16 साल बाद खुलासा, बाबू-प्रधान ने किया खेल

इंटर फेल होने के बाद भी 16 साल तक सरकारी स्कूल में टीचिंग करने वाला अंततः पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उसने फर्जी मार्कशीट बनवाकर बाबू, प्रधान और एक टीचर के सहयोग से पूरा फर्जीवाड़ा किया।

Yogesh Yadav एका (फिरोजाबाद) हिन्दुस्तान संवादWed, 4 June 2025 09:28 PM
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इंटर फेल फिर भी सरकारी स्कूल में टीचिंग, 16 साल बाद खुलासा, बाबू-प्रधान ने किया खेल

फिरोजाबाद में एक इंटर फेल व्यक्ति ने गजब फर्जीवाड़ा किया। उसने शानदार नंबरों वाली अपनी फर्जी मार्कशीट बनवा ली। प्रधान एवं शिक्षकों से साठगांठ कर मेरिट में खुद को अव्वल भी साबित कर दिया। इसके बाद उसे शिक्षामित्र के पद पर तैनाती दे दी गई। 16 साल तक वह सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाता रहा। एक शिकायत के बाद इसका खुलासा हुआ तो फरार हो गया। उसकी मदद करने वाला एक टीचर तो जेल जाना भी चला गया। विभाग के बाबू और तत्कालीन प्रधान को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। अब पुलिस ने आरोपी भी चढ़ गया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

मामला रामपुर गांव निवासी शिक्षामित्र गुड्डू खान से जुड़ा है, जो पिछले कई सालों से फरारी काट रहा था। गुड्डू खान पर इंटरमीडिएट की फर्जी अंक तालिका के आधार पर वर्ष 2001 से 2016 तक प्राथमिक विद्यालय रामपुर में शिक्षामित्र के रूप में नौकरी करने का आरोप है। गुड्डू खान के माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ के रिकॉर्ड में इंटरमीडिएट परीक्षा में केवल 136 अंक प्राप्त किए थे और वह अनुत्तीर्ण था, लेकिन उसने फर्जीवाड़ा कर एक नई अंकतालिका तैयार की, जिसमें उसे काफी अधिक अंक मिले थे तथा इसी दस्तावेज के आधार पर उसका शिक्षामित्र में चयन हो गया। वह 16 वर्षों तक सेवा में बना रहा। प्रकरण की शिकायत वर्ष 2019 में जितेंद्र प्रताप ने की।

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इस पर भ्रष्टाचार निवारण इकाई आगरा ने जांच करते हुए मार्च 2021 में थाना एका पर इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में कुल छह लोगों को दोषी पाया गया, जिनमें से दो आरोपी दत्त सिंह यादव एवं अहिवरन सिंह की मौत हो चुकी है। वहीं एक शिक्षक राधेश्याम को भी जांच में दोषी पाया गया था, जिसे पुलिस ने तभी जेल भेज दिया था, जो अब जमानत पर हैं, लेकिन मुख्य आरोपी गुड्डू खान फरार चल रहा था। जिसे पुलिस ने बीते दिनों पकड़ने में सफलता हासिल की। पुलिस ने उसे जेल भेजा है।

बाबू एवं प्रधान ले आए अग्रिम जमानत

जांच में तत्कालीन ग्राम प्रधान सुरेश चंद्र यादव एवं बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में कार्यरत तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक नरायन सिंह को भी दोषी पाया गया था। दोनों आरोपी हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत ले आए थे। इस पर वह पुलिस कार्रवाई से बचे हैं।

नहीं कराया सत्यापन, फाइल कर दी गायब

पुलिस जांच में सामने आया कि शिक्षामित्र चयन के दौरान अंकतालिका का सत्यापन भी नहीं कराया गया था। सभी आरोपियों ने मिलकर जानबूझकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गुड्डू खान को चयनित कराया। शिकायत के बाद आरोपी की फाइल को ब्लॉक संसाध केंद्र से लेकर बीएसए कार्यालय तक से गायब कर दिया गया, ताकि मामले का खुलासा न हो सके।

फर्जी मदरसे से हड़पे थे 3.28 लाख रुपये

गुड्डू खान पहले भी फर्जीवाड़ा करता रहा है। थाना अध्यक्ष रमित आर्य ने बताया कि गुड्डू खान पहले भी एक फर्जी मदरसे में तीन लाख अट्ठाईस हजार रुपये के गबन के मामले में जेल जा चुका है।

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