अमृतपुर तहसील के 11 गांवों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
Farrukhabad-kannauj News - फर्रुखाबाद, संवाददाता। जनपद से गुजरने वाले बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस वे पर आखिरकार जमीन खरीदने की

फर्रुखाबाद, संवाददाता। जनपद से गुजरने वाले बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस वे पर आखिरकार जमीन खरीदने की कार्रवाई शुरू हो गयी है। एक्सप्रेस वे अमृतपुर तहसील के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। भू स्वामियों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन खरीदी जाएगी। भूमि अधिग्रहण का प्लान तैयार कर यूपीडा को उपलब्ध कराया जायेगा। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के निर्देश पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी और अमृतपुर के एसडीएम को कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। एनबी प्रोजेक्ट कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और रेडिकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तहसील अमृतपुर के 11 गांवों का भूमि अर्जन प्लान तैयार कर यूपीडा को उपलब्ध कराया गया है।
तहसील अमृतपुर के चित्रकूट, नगला घाघ, बिलालपुर, कंचनपुर, शेराखार, गांधी, रामपुर जोगराजपुर, अंबरपुर, तुरकहटा, जगतपुर और उजरामऊ नयागांव से होकर एक्सप्रेस वे को निकालने का प्रस्ताव है।तहसील के 11 गांवों की अभिलेखीय जांच और भौतिक सत्यापन अभी नहीं कराया गया है। लिहाजा इसके लिए राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी गयी है। प्रस्तावित गाटा संख्या, उनके खातेदारों का नाम, बल्दियत की जांच और गांवों की सीमाओं का आपसी मिलान किया जाना है। जिससे कि गांवों की सीमाओं में मिसमैचिंग की समस्या न हो। यदि किन्हीं गांवों की सीमाओं में त्रुटियां पायी जाती है तो उसे सही कराने का संशोधन प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाना है। संबंधित गांव में भूमि खरीदने के लिए जनपद स्तरीय समिति की बैठक भी करायी जायेगी। इसमें संस्तुत दरें व्यवस्थानुसार मंडला आयुक्त से अनुमोदित करायी जानी है।अनुमोदन के बाद कुल भूमि मूल्य के अनुमोदन के लिए यूपीडा को दस्तावेज भेज जाएंगे और यूपीडा के अंतिम अनुमोदन के बाद अनुमोदित दर के अनुसार परियोजना के पक्ष में सहमति के आधार पर जमीन खरीदने की कार्रवाई निर्धारित दर के अनुसार नामित राजस्व अधिकारियों की ओर से की जाएगी। बैनामा यूपीडा के पक्ष में कराया जायेगा। विक्रय पत्र निष्पादन के समय विक्रेता की पहचान और सत्यापन क्षेत्रीय लेखपाल की ओर से किया जायेगा। परियोजना के लिए अवरोध मुक्त जमीन उपलब्ध कराने को राजकीय भवनों, विद्यालय आदि का निस्तारण जनपद स्तर पर किया जायेगा।नामांतरण आदि की कार्रवाई पूरा करने के बाद विक्रय पत्रों की मूल प्रति और रजिस्ट्रार की ओर से प्रदत्त रजिस्ट्रेशन शुल्क की मूल रसीद और यूपीडा के पक्ष में नामांतरण की गयी खतौनी की प्रति भी भरकर यूपीडा को उपलब्ध करायी जायेगी। परियोजना के तहत आने वाली जमीन की जांच में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जमीन के संबंध में किसी न्यायालय में कोई वाद विचाराधीन तो नही है। वाद विचाराधीन होने की स्थिति में संंबंधित प्रकरणों में सुनवाई संबंधी प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर निस्तारण कराया जायेगा।
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