Laughter as Medicine Rediscovering Joy in Modern Life सिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर फीसदी तनाव, Fatehpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsFatehpur NewsLaughter as Medicine Rediscovering Joy in Modern Life

सिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर फीसदी तनाव

Fatehpur News - -विश्व हास्य दिवस.....सिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर फीसदी तनावसिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर फीसदी तनावसिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरSun, 4 May 2025 01:55 AM
share Share
Follow Us on
सिर्फ हंसने से दूर हो सकता है सत्तर फीसदी तनाव

फतेहपुर। शहर के आईटीआई रोड निवासी एक रिटायर प्रोफेसर को आखरी बार लोगों ने हंसते हुए कब देखा था पता नहीं। पूरा जीवन केवल गुस्से, तनाव में निकालने वाले प्रोफेसर आज कल अब सुबह शाम पार्कों में जाकर लोगों के साथ हंसने की कोशिश करते हैं। उक्त प्रोफेसर अकेले नहीं है। प्रौढ़ और बुजुर्गों को छोड़ दो आज की भागमभाग भरी जिंदगी में किशोर और युवा भी हंसना भूल गए हैं। जबकि डाक्टरों का मानना है कि यदि आप हर दिन कम से कम आधे घंटे हंसी ठिठोली करते हैं तो आपका सत्तर फीसदी तक तनाव कम हो सकता है। हास्य हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह हमें तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है, हमारे मूड को बेहतर बनाता है, और हमें दूसरों के साथ जुड़ने में मदद करता है। जीवन की चुनौतियों का सामना करने में भी मदद करता है और हमें अधिक सकारात्मक बनाता है। इसी के चलते पूरे विश्व में मई माह के पहले रविवार को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है। मेडिकल कालेज में तैनात डा. शुभम मिश्रा बताते हैं कि हंसने से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। हंसने से दर्द कम होता है और दर्द सहन करने की क्षमता भी बढ़ती है। मानसिक रोग काउंसलर रिंकी बताती हैं कि मानसिक रुप से भी हंसना जरुरी है। यदि तनाव में हैं और आप किसी बात पर आप खुल कर हंस लिये तो 70 फीसदी तनाव अपने आप खत्म हो जाता है। हंसने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति अधिक सकारात्मक बनता है। सामाजिक संबंध बेहतर होते हैं और व्यक्ति अधिक मिलनसार बनता है। लोग मनोरंजन के लिये मोबाइल पर रील्स देख हंसने की कोशिश करते हैं। आफिस से घर पहुंचने के बाद भी लोग परिवार के पास न बैठकर मोबाइल पर बिजी हो जाते हैं जो तनाव का कारण बनता है। वरिष्ठ साहित्यकार डा. ओमप्रकाश अवस्थी कहते हैं कि हंसना जीवन का अहम हिस्सा है। लेकिन हंसी को आप रील्स में नहीं रियल में खोजे। परिवार के साथ दिन में एक बार बैठकर जरुर हंसी ठिठोली करें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।