तेरह दिन के युद्ध ने हमें सिखाया देश से बड़ा कुछ भी नहीं
Gangapar News - लड़ाई को तैयार भारत-पाक युद्ध के योद्धा अभयराज, पश्चिम बंगाल की ओर से संभाला था
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश की रक्षा के लिए अपना अहम योगदान देने वाले शंकरगढ़ निवासी 75 वर्षीय अभयराज त्रिपाठी के अंदर आज भी देशभक्ति का जज्बा बरकरार है। अस्वस्थ होने के बावजूद पाकिस्तान द्वारा आक्रमण करने की बात पर तैश में आ जाते हैं और कहते हैं कि पाक को सबक सिखाने का सही समय आ गया है। अभयराज त्रिपाठी ने 1967 में बतौर सिपाही भारतीय सेना ज्वाइन की थी और युद्ध के दौरान वे एक टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत थे। उनका कार्य युद्ध में इस्तेमाल होने वाले शस्त्रों और उपकरणों की देखरेख और मरम्मत करना था। उनकी बटालियन ने पश्चिम बंगाल की ओर से मोर्चा संभाला था।
वे बताते हैं की तेरह दिनों का वह युद्ध हमारे जीवन का ऐसा अनुभव था, जिसने हमें सिखाया कि देश से बड़ा कुछ नहीं। हमारी जिम्मेदारी थी कि हमारे सैनिकों के हथियार हर समय युद्ध के लिए तैयार रहें। अभयराज त्रिपाठी का कहना है कि पाकिस्तान हमेशा से भारत पर नजर गड़ाए रहता है। उनका मानना है कि ऐसे राष्ट्रविरोधी सोच को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत अभयराज त्रिपाठी आज भी कहते हैं कि अगर देश मुझे बुलाए, तो मैं आज भी युद्ध के लिए तैयार हूं। उनकी यह भावना आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है और यह सिद्ध करती है कि सच्चा सिपाही कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है।
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