Unseasonal Rain Devastates Wheat Crop in Gonda District Farmers Face Losses बोले गोंडा: बेमौसम बारिश से खराब हुआ गेहूं, किसानों को मिले मुआवजा, Gonda Hindi News - Hindustan
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बोले गोंडा: बेमौसम बारिश से खराब हुआ गेहूं, किसानों को मिले मुआवजा

Gonda News - गोंडा जिले में इस बार गेहूं की फसल को बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि फसल की गुणवत्ता खराब हो गई है और मुआवजा मिलने की संभावना कम है। बारिश के कारण कटाई में भी देरी हो रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोंडाThu, 1 May 2025 05:07 PM
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बोले गोंडा: बेमौसम बारिश से खराब हुआ गेहूं, किसानों को मिले मुआवजा

जिले में इस बार गेहूं की फसल तैयार होते ही बेमौसम बारिश की मार पड़नी शुरू हो गई। इससे अन्नदाताओं के चेहरे पर विवशता साफ पढ़ी जा सकती है। कड़ाके की ठंड में हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद जब फसल घर आने का वक्त हुआ तो बारिश की वजह से फसल भीग गई। इससे गेहूं की गुणवत्ता खराब हो गई। सरकारी नियमों के मुताबिक 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर आपदा राहत देने का प्रावधान है। नियमों की पेचीदगी में फंसकर किसान हलकान हैं क्योंकि उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाएगा। भाकियू नेताओं समेत जिले के तमाम किसानों का कहना है कि हमारी फसल के दाने कमजोर पड़ने के साथ काले भी हो गए हैं।

इसकी वजह से बाजार में उचित भाव मिलना मुश्किल है। हिन्दुस्तान की मुहिम बोले गोंडा में किसानों ने गेहूं की फसल को लेकर अपनी बेबसी बयां की। मुफ्त अनाज वितरण योजना बंद हो गोंडा। जिले में इस बार एक लाख 10 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में गेहूं की बोआई की गई थी। इसमें से करीब 20 हजार हेक्टेयर फसल काटकर सूखने के लिए खेतों में रखी गई थी जो बीते 10 अप्रैल को हुई बेमौसम बारिश से भीग गई थी। जिले में कई जगहों पर बारिश का पानी खेतों में भरने से किसानों का पीला सोना खराब हो गया। धूप निकलने पर किसान भीगी फसल सुखाकर मड़ाई कराने में जुटे लेकिन दोबारा कुदरत की मार से फसल बचने की रही-सही गुंजाइश पर भी पानी फिर गया। हिन्दुस्तान ने बोले गोंडा मुहिम के तहत किसानों और जिम्मेदारों से इस समस्या को लेकर बात की। किसान रामजस मौर्या ने कहा कि एक तरफ बढ़ती महंगाई से परिवार चलाना दुश्वार है, दूसरी ओर बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो जाने से खाने को लाले पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को महंगाई पर नियंत्रण के साथ ही मुफ्त अनाज वितरण योजना बंद करनी चाहिए। क्योंकि खेतों से अनाज की पैदावार कम हो रही है। ऐसे में मुफ्त अनाज वितरण से अन्य लोगों को महंगाई झेलनी पड़ेगी। भदुआ तरहर के कृष्णकांत पांडे ने कहा कि दूसरी बारिश से हमारी पंद्रह बीघा गेहूं की फसल भीग गई। इसकी भरपाई न सरकार करेगी और न ही विभाग। इस बार फसल खराब होने से गेहूं बाजार में महंगे दाम पर बिकेगा। उन्होंने भी मुफ्त राशन वितरण को बंद करने की बाद कही है। किसानों का कहना है कि महंगी खाद-बीज लगाकर खेतों में अन्न उपजाने के बाद जब कुदरत की मार पड़ती है तो कलेजा मुंह को आ जाता है साहब। खेती-किसानी से ही परिवार को पालन-पोषण होता है। हालांकि सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हर साल छह हजार रुपये देती है लेकिन यह रकम ऊंट के मुंह में जीरा साबित होती है। पोर्टरगंज के भगवान दास यादव और राजापुर के संत राम यादव ने बताया कि इस पर इंद्रदेव ने गेहूं की फसल को बेमौसम बरसात कर चौपट कर दिया है। हमारी फसल के दाने काले पड़ गए हैं। कहीं मध्यम तो कुछ स्थानों पर हुई थी झमाझम बारिश बारिश के बात करें तो जिले के कई इलाकों में मध्यम तो कहीं झमाझम बारिश होने से फसलों की कटाई पर ब्रेक लग गया था। निचले इलाकों के खेतों में पानी लग जाने के कारण किसानों का पीला सोना खराब होने लगा। किसानों का कहना है कि 10 अप्रैल से शुरू हुई बेमौसम बारिश के कारण गेहूं का दाना भीगने के कारण काले पड़ने की संभावना है। 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर मुआवजा देने का नियम कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से हो रही फसलों के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर मुआवजा देने का प्रावधान है। हालांकि, किसानों का कहना है कि मुआवजा से उनका भला होने वाला नहीं है। सिर्फ नाममात्र लोगों को मुआवजे की राशि दी जाती है। जिससे कोई भला होने वाला नहीं है। कटाई और मड़ाई को नहीं मिल रहे श्रमिक: जिले में बेमौसम बारिश से गेहूं कटाई प्रभावित हुई है। बारिश होने की वजह से हर कोई अपनी फसल की पहले कटाई और मड़ाई कराना चाहता है। इसलिए गांवों में मजदूर नहीं मिल रहे हैं। वहीं थ्रेशिंग के लिए भी किसानों को भटकना पड़ता है। मुजेहना ब्लॉक के लखनीपुर निवासी विश्वनाथ यादव ने कहा कि बुवाई के बाद तमाम जतन करने छुट्टा जानवरों से फसल बचाई गई। फसल जब तैयार हुई तो पानी बरस गया। इस वजह से गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों पर ही खराब असर पड़ा है। गेहूं कटाई के बाद उसकी मड़ाई कर रहे देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि जब फसल तैयार हुई तो दाने काफी चमकदार मोटे दिख रहे थे। बारिश के बाद पता नहीं कैसे दानों की गुणवत्ता कमतर हो गई। रहीम बक्श ने बताया कि फसल तैयार होने के बाद बेचने के लिए सरकारी क्रय केंद्र पर ले जाने पर तमाम परेशानी होती है। इसलिए जो थोड़ी बहुत जो उपज बचती है। उसे निजी दुकानदारों को ही दे दिया जाता है। क्रय केंद्र पर ले जाने से पहले ऑनलाइन करो, फिर पैसे का इंतजार करो और भी तमाम परेशानिया होती है। धानेपुर क्षेत्र में गेहूं काट रहे किसान रईश व मुर्तजा ने बताया कि पानी बरस जाने के कारण कटाई करते समय गेहूं की बालियां भी टूट जाती है। इससे काफी नुकसान हो रहा है। समर्थन मूल्य के मुकाबले बाजार में महंगा बिक रहा है गेहूं जिले में गेहूं के लिए 113 क्रय केंद्र बने हैं। इन पर सरकार ने गेहूं का खरीद भाव 2425 रुपए प्रति कुंटल का तय कर रखा है। स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक बाजार में गेहूं की कीमत 2440 से 2450 रुपए प्रति कुंतल है। किसानों का कहना है कि जब बाजार में 2440 में गेहूं हमारा बिना झंझट के बिक रहा है। इसकी वजह से किसान सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं। किसान जयलाल, श्याम सिंह, जगन्नाथ का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए पहले ऑनलाइन करना पड़ता है। इन्हीं झंझटों के चलते किसान अपनी उपज को घर से खरीद करने वाले आढ़ती को बेच देते हैं और नकद पैसा लेते हैं। किसानों का कहना है कि बिना झंझट के 15 से 25 रुपए प्रति कुंतल भाव में भी तेजी मिल जाता है। गेहूं भंडारण की पर्याप्त है व्यवस्था जिले में गेहूं खरीद और उसके भंडारण को लेकर पर्याप्त व्यवस्था है। डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि जिले में 113 क्रय केंद्रों पर किसानों से गेहूं खरीद की जा रही है। किसानों को सहूलियत देने के लिए उनके घरों से भी गेहूं खरीद केंद्र प्रभारी कर रहे हैं। जिले में गेहूं भंडारण के संसाधन पर्याप्त उपलब्ध है। प्रस्तुति-सच्चिदानंद शुक्ल/रंजीत तिवारी/विजय मिश्र/धर्म प्रकाश शुक्ल बोले किसान --------------- जिले में बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की फसल की कटाई पिछड़ गई है। कटाई शुरू होने के साथ ही बारिश होने से गेहूं किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। जिले के कई किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। -रहीम बक्श जिले में गेहूं की खेती ज्यादातर किसान करते हैं। इस बार अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मौसम खराब हो गया। इसकी वजह से कटाई शुरू होने के साथ ही गेहूं की कटाई अचानक रुक गई। बेमौसम बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है। -देवी प्रसाद मिश्रा कटाई शुरू होने के साथ हुई बारिश से गेहूं की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। इसको लेकर किसान काफी परेशान है। हमल लोगों की बर्बाद हुई फसल का मुआवजा शासन-प्रशासन को देना चाहिए। -विश्वनाथ यादव बारिश की वजह से जिले के कई इलाकों में गेहूं की फसल गिर गई जिसकी वजह से ऊपर आधी हो गई। इस बार लगता है किपूरी मेहनत बेकार हो जाएगी। अफसरों को हमारे बारे में भी सोचना चाहिए। -राम चंदर भास्कर जिले में बारिश की वजह से इस बार हम जैसे गेहूं किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इसी वजह से गेहूं किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं का भाव कम हो गया है। -मोहम्मद युनूस बारिश होने के बाद से गेहूं खरीदने वाले आढ़ती भी इस बार गेहूं का भाव देने से कतरा रहे हैं,क्योंकि किसानों से कहते हैं कि गेहूं हल्का हो गया है। इसलिए वह भाव नहीं मिलेगा जिससे किसान परेशान है। - दिलीप जायसवाल जिले में गेहूं बुवाई करने वाले किसानों को बेमौसम बारिश होने पर हुई फसलों के नुकसान की भरपाई सरकार करें। इससे किसानों को काफी सहूलियत होगी। -विनोद पाण्डेय अप्रैल की शुरुआती सप्ताह में हुई बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश की वजह से गेहूं की गुणवत्ता भी कम हुई। इसके चलते किसानों को बाजार में भाव कम मिल रहा है। -संदीप वर्मा बोले जिम्मेदार -------------------- इस साल गेहूं की कटाई शुरू होते ही मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इसकी वजह से गेहूं की खरीद भी आंशिक रूप से प्रभावित हुई है। हालांकि जिले के 113 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रभारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। किसानों के घरों से भी गेहूं खरीदा जा रहा है। -प्रज्ञा मिश्रा, डिप्टी आरएमओ ---------------------------------- मौसम खराब होने से किसानों की गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई करने के लिए प्रशासन को क्षति का आकलन कराना चाहिए। नुकसान की भरपाई आगामी फसल की बुआई होने से पहले किसानों को मिल जाए। बारिश होने से गेहूं के दाने की गुणवत्ता खराब हुई है जिसके चलते किसानों को भाव कम मिल रहा है। -शिवराम उपाध्याय, जिलाध्यक्ष भाकियू

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