गोरखपुर एयरपोर्ट पर महीने में तीसरी बार आई दिक्कत, विमान में एक घंटा फंसे रहे 180 यात्री
- पहले से शेड्यूल विमानों को निकाला गया। शाम 5 बजे विमान को एप्रन में लाया गया, तब यात्री उतर सके। 5.35 बजे विमान दिल्ली के उड़ान भर सका। उधर, इसी विमान से दिल्ली जाने वाले यात्रियों में BJP के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास भी चेक इन एरिया में इंतजार कर रहे थे।

गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों की दिक्कतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। 9 और 12 मार्च के बाद मंगलवार यानी 25 मार्च को फिर यात्रियों को मुसीबत झेलनी पड़ी। दिल्ली से गोरखपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट में करीब 180 यात्री एक घंटे तक कैद रहे। यह फ्लाइट निर्धारित समय से करीब आधा घंटा देरी से शाम 4:08 बजे लैंड हुई। इस वजह से इसे एप्रन में आने की अनुमति नहीं मिली। उधर, इस विमान से दिल्ली जाने वाले यात्रियों ने देरी पर हंगामा किया।
इस दौरान पहले से शेड्यूल विमानों को निकाला गया। शाम 5 बजे विमान को एप्रन में लाया गया, तब यात्री उतर सके। 5.35 बजे विमान दिल्ली के उड़ान भर सका। उधर, इसी विमान से दिल्ली जाने वाले यात्रियों में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास भी चेकइन एरिया में इंतजार कर रहे थे।
डीजीसीए ने परखी एयरपोर्ट की सुरक्षा
गोरखपुर एयरपोर्ट पर सुविधाओं और विमान संचलन में बरते जाने वाली सुरक्षा को परखने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की दो सदस्यीय टीम एयरपोर्ट पहुंची। मंगलवार को टीम ने पायलट-एयर होस्टेस से लेकर ग्राउंड स्टाफ की कार्यप्रणाली देखी। सभी पायलट और एयर होस्टेस के लाइसेंस देखने के साथ ही उनकी लॉग बुक भी चेक की। यह भी देखा कि सभी ने ब्रीथ एनालाइजर रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए हैं, या नहीं।
टीम ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों के साथ ही एयरलाइंस कंपनियों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर फ्लाइट ऑपरेशन और सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा की। उड़ानों की जानकारी ली साथ ही एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा। डीजीसीए के निदेशक जीतेन्द्र लोरा और सहायक निदेशक अभिषेक ने एयरपोर्ट निदेशक आरके परासर और एजीएम प्रचालन विजय कौशल के साथ पूरे एयरपोर्ट परिसर का निरीक्षण भी किया। यात्रियों से बात कर सुविधाओं के बारे में पूछा। यात्रियों ने विमानों की लेट-लतीफी की शिकायत की। इसके साथ ही यह भी कहा कि फ्लाइट के लेट होने से कंपनी द्वारा कोई सहूलियत नहीं दी जाती है।