द्रोण पुष्पी बना स्वास्थ्य का वरदान, जानिए इसके औषधीय गुण
Gorakhpur News - गोरखपुर में द्रोण पुष्पी, एक अनमोल औषधि, का उपयोग सदियों से हो रहा है। इसके औषधीय गुणों को आयुर्वेदिक ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है। यह भूख बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने, गठिया में राहत, और...

गोरखपुर, निज संवाददाता। तराई क्षेत्र जंगलों और खेतों की पगडंडियों पर अक्सर नजर आने वाला एक छोटा सा पौधा द्रोण पुष्पी सदियों से एक अनमोल औषधि के रूप में जाना जाता है। वैद्याचार्यों की माने तो परंपरागत चिकित्सा में लंबे समय से प्रयोग किए जा रहे इस पौधे के औषधीय गुण बहुत पहले प्रमाणित किए जा चुके हैं। इस दिव्य औषधि का उल्लेख प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘भावप्रकाश निघण्टु सहित अन्य कुछ ग्रंथों में विस्तार से किया गया है। इसमें द्रोण पुष्पी के गुण, रस, प्रभाव और औषधीय उपयोग पर्याप्त जानकारी उपलब्ध है। डॉ. टी एन त्रिपाठी बताते हैं कि सुबह खाली पेट इसके रस का सेवन करने से न केवल भूख बढ़ती है, बल्कि यह हड्डियों की मजबूती के लिए भी लाभकारी है।
गठिया जैसी बीमारियों में द्रोण पुष्पी से बना तेल लगाने से राहत मिलती है। इसके अलावा, द्रोण पुष्पी का काढ़ा मानसिक तनाव को कम कर अच्छी नींद लाने में सहायक है। नींद से जुड़ी समस्याओं से परेशान लोगों के लिए यह एक प्राकृतिक उपाय साबित हो सकता है। वहीं पर्यावरण प्रेमी वारिधि सिंह बताती हैं कि आयुर्वेदिक शास्त्रों में द्रोण पुष्पी का उल्लेख इसकी बल्य (ऊर्जा बढ़ाने वाली) और शांतिदायक प्रकृति के लिए किया गया है। आधुनिक विज्ञान भी इसे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर मानता है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस औषधीय पौधे का सही उपयोग किया जाए, तो यह कई लंबे समय से चली आ रही बीमारियों में राहत दिला सकता है। बताती हैं कि यह प्राकृतिक औषधि है, फिर भी इसके सेवन से पहले चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। द्रोणपुष्पी बरसात में बहुतायत जगहों पर दिखाई देती है इसका बोटेनिकल नाम लूकस सेफ्लोट्स है ये लीबियेसी कुल की होती है, बात रोग, न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर, दाद-खाज-खुजली, उदर रोगों आदि में उसके सेवन से लाभ मिलता है। -डॉ. आशीष त्रिपाठी
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