जीवनशैली से होने वाली बीमारियों के इलाज में संजीवनी है आयुर्वेद
Gorakhpur News - सचित्र महायोगी गोरखनाथ विवि - एमजी यूजी में एक राष्ट्र-एक स्वास्थ्य तंत्र विषय पर वैज्ञानिक

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में एक राष्ट्र-एक स्वास्थ्य तंत्र वर्तमान समय की आवश्यकता विषय पर वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को हुआ। इसका आयोजन गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में विश्व आयुर्वेद मिशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जीएस तोमर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा की हर विधा महत्वपूर्ण है। समग्र रूप से देखें तो जीवनशैली आधारित बीमारियों के निदान के लिए आयुर्वेद संजीवनी है। देश में आज आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहित अनेक चिकित्सा विधाएं प्रचलित हैं।
प्रत्येक विधा की अपनी अपनी विशेषताएं एवं सीमाएं होती हैं। अत: प्रत्येक विधा की अच्छाइयों को लेकर एक ऐसा संयुक्त स्वास्थ्य तंत्र बनाया जाना चाहिए जो अपने आप में पूर्ण एवं समग्रतामूलक हो। डॉ. तोमर ने कहा कि देश के सभी चिकित्सालयों में प्रत्येक विधा की सुविधा एक ही छत के नीचे किया जाना चाहिए जिससे कैफेटेरिया की तरह रोगी अपनी आवश्यकता के अनुसार विधा के चयन करने के लिए स्वतंत्र हो। इस अवसर पर आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदान्तम्, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ अवनीश द्विवेदी आदि ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी में आयुष विश्वविद्यालय के परामर्शदाता डॉ रमाकांत द्विवेदी एवं डॉ लक्ष्मी द्विवेदी भी उपस्थित रहीं । संगोष्ठी के पूर्व डॉ. तोमर ने संस्थान के छात्रों को मधुमेह प्रबंधन - एक आयुर्वेदिक दृष्टिकोण विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। इसमें आयुर्वेद के स्नातक छात्र मौजूद रहे। महंत दिग्विजयनाथ चिकित्सालय आरोग्यधाम में करीब डेढ़ सौ मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श प्रदान किया। इस अवसर पर औषधि निर्माणशाला प्रवेक कल्प की ओर से नि:शुल्क बीएमडी जांच की व्यवस्था भी कराई गई।
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