लावारिस शव पर चोट के निशान की फोरेंसिक जांच अनिवार्य
Gorakhpur News - मोर्चरी में रखे शव की जिम्मेदारी और जवाबदेही कर्मचारियों की होगीमोर्चरी में रखे शव की जिम्मेदारी और जवाबदेही कर्मचारियों की होगी गोरखपुर। वरिष्ठ संवाद

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। पिछले दिनों मोर्चरी के शव बदले जाने की घटना सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस पर तो वहीं पुलिस विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों पर जिम्मेदारी थोपी थी। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना था कि पुलिस ही शव को ले गई है। जबकि पुलिस अफसरों का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वहां तैनात रहता है उसकी की निगरानी में शव अंदर और बाहर किया जाता है। फिलहाल शव मिल गया था तो मामला समाप्त हो गया, लेकिन अब गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि मोर्चरी के अंदर रखे शव की जिम्मेदारी और जवाबदेही वहां तैनात कर्मचारी की होगी। दरअसल, लावारिस शव मिलने के नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें उनके अन्तिम संस्कार के लिए मिलने वाले पैसे के साथ ही अन्य हिदायत भी दी गई है। यह बताया गया है कि लावारिस शव मिलने की घटना को सीसीटीएनएस से भी जोड़ा जाए। यही नहीं किसी भी लावारिस शव पर यदि चोट के निशान या किसी अप्राकृतिक घटना की आशंका प्रतीत होती है तो मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाना अनिवार्य किया गया है। जिससे किसी आपराधिक मामले की अनदेखी न हो और जांच समय पर शुरू हो सके। लावारिस शव को कम से कम 72 घंटे तक सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी और जवाबदेही मोर्चरी के कर्मचारियों की तय की गई है। इस दौरान यदि शव की पहचान हो जाती है और मृतक के परिवारीजन दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग करते हैं, तो उनकी अर्जी को संबंधित अधिकारियों के माध्यम से अग्रसारित किया जाएगा। अनुमति मिलने तक शव की देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी मोर्चरी के कर्मचारियों की ही होगी।
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