भागवत कथा ही मुक्ति का माध्यम
Gorakhpur News - गोलाबाजार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक शंख बाबा ने कहा कि जीवन की मुक्ति का एकमात्र साधन भागवत कथा है। कथा का श्रवण और मनन करके भक्त भगवान के पावन चरित्र का चिंतन करते हैं, जिससे मुक्ति...

गोलाबाजार, हिंदुस्तान संवाद। मानव जीवन के मुक्ति का एकमात्र साधन श्रीमद् भागवत कथा है। इसके श्रवण, मनन और जीवन में उतारने से ही मुक्ति मिलेगी। ये प्रवचन बाघागाड़ा गांव के प्राचीन दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को कथावाचक शंख बाबा पंडित सत्य प्रकाश तिवारी ने सुनाए। उन्होंने कहा कि जब हम छोटे बच्चे के रूप में थे तो हम अज्ञान में भटक रहे थे। फिर गुरु जनों की कृपा से ज्ञान का प्रकाश मिला। इसी प्रकार भागवत कथा में भक्त और भगवान का पावन चरित्र का चिंतन, श्रवण करते-करते हमारा चित भगवान में लग जाता है और जब हमारा शरीर छूटता है तो प्राण श्री भगवान में समाहित हो जाता है। हमें संसार के आवागमन से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि सामान्य जीवों की तो बात ही क्या? श्रीमद् भागवत कथा से धुंधकारी जैसा प्रेतात्मा को भी मुक्ति मिल गई।
यज्ञ के आयोजक विजय नारायण शर्मा व रणजीत शर्मा ने व्यास पीठ की आरती उतारी। इस अवसर पर प्रेमनारायण शर्मा सतीश शर्मा, रणधीर शर्मा,आदर्श, कृष्णा चंद शर्मा उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।