बोले हरदोई: बारिश डराती... सड़कें तालाब बन जातीं
Hardoi News - हरदोई के आशा नगर में 25 साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग कच्ची सड़कों, जल निकासी की कमी और सफाई न होने से परेशान हैं। बारिश में जलभराव से जीवन नारकीय हो गया है। स्थानीय निवासी सही सुविधाओं...

हरदोई। विकास भवन और जिला मुख्यालय से करीब एक किमी दूरी पर करीब 25 साल पहले से बसना शुरू हुआ आशा नगर आज भी मूलभूत सुविधाओं की बांट जोह रहा है। यहां के बाशिंदों का कहना है कि जब यहां आकर बसे थे तो सोचा कि जल्द ही उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी पर ऐसा नहीं होता नजर आ रहा है। लोगों के अच्छे-अच्छे घर तो बने गए हैं पर सड़कों के लिए छोड़ा गया रास्ता आज भी कच्चा पड़ा हुआ है। नाली न होने से खाली प्लॉटों और कच्ची सड़क पर गंदा पानी भर रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा रखते हुए मुसीबत से छुटकारे की मांग की। पांच हजार की आबादी वाले आशा नगर को आज भी अपने विकास की आस है पर जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा यहां के बाशिंदों को उठाना पड़ रहा है। कच्ची सड़कें बारिश के मौसम में काफी दर्द देती हैं। नालियों की उचित व्यवस्था न होने से गंदा पानी सड़क पर भरा रहता है। इससे निकलने वाली दुर्गंध काफी परेशान करती है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से श्रीकृष्ण ने अपनी बात रखी। उनका कहना है कि जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने से अब तो यहां के हाल बेहाल हैं। जरा सी बारिश डराती है... सड़कें तालाब बन जाती हैं। इससे स्कूली बच्चों का आना-जाना तक मुश्किल हो जाता है। कहीं-कहीं पर सड़क तालाब का रूप ले लेती है। चार पहिया वाहन घरों तक नहीं पहुंच पाते हैं। दो पहिया वाहन चालक कई बार फिसलकर गिरते रहते हैं। इसके बाद पानी सड़ने से दुर्गंध बड़ी समस्या बन जाती है, जिससे बीमारियां पैर पसारने लगती हैं। आज जिम्मेदारों की लापरवाही से जीवन नारकीय हो गया है।
सड़क किनारे दोनों तरफ नाली नहीं बनी: 50 वर्षीय कुसुमा बताती हैं कि घर के बाहर सड़क किनारे दोनों तरफ नाली नहीं बनी है। इससे जल निकासी की व्यवस्था गड़बड़ है। रास्ते में पानी भर जाता है, जिससे खुद ही सफाई एक सप्ताह में दो बार करनी पड़ती है। जलभराव होने की वजह से कई दिनों तक घर से बाहर निकलने का मन तक नहीं करता है। टिक्की-बताशे का ठेला लगाने वाले रिंकू का भी दर्द उभर कर सामने आया। उनका कहना है कि करीब 15 साल पहले यहां आकर बसे थे। जर्जर कच्चा मार्ग होने से ठेले लाने और ले जाने में बड़ी दिक्कत होती है। सीसी सड़क का निर्माण कराया जाए, जिससे लोगों को आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वहीं, पातीराम कहते हैं कि स्कूली बच्चों की बस, वैन तक घरों तक नहीं पहुंच पाती है। काफी दूर पैदल चलते हैं तब बच्चों को सवारी मिलती है। यह दिक्कत रोज स्कूल जाने और आते समय बच्चों को परेशान करती है। इस मोहल्ले में 15 वर्ष पहले चंद घर ही बने थे। अब हजारों की संख्या में घर बन चुके हैं, जिससे कुछ जगहों पर सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। लेकिन जो नए भवन बने हैं वहां पर सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक सैकड़ा से अधिक भवन निर्माणाधीन हैं पर वहां तक जाने वाले रास्ते कच्चे हैं। जगह-जगह गड्ढों की भरमार है।
बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार : ग्राम पंचायत की ओर से कोई सफाई कर्मचारी नहीं आता है। बारिश के दौरान सड़क तालाब बनी नजर आती है। अन्य दिनों में भी उबड़-खाबड़ होने से दो पहिया वाहन अक्सर हादसे का शिकार होते हैं। रामप्रकाश, मनोज सिंह, कल्लू ने सीसी सड़क बनवाने की मांग की है। 60 से ज्यादा घरों के बाहर बिजली के पोल नहीं लगे हैं। दूर के पोल तक केबल बांस और बल्ली के सहारे बांधकर ले गए हैं। आंधी तो कभी अन्ना मवेशियों की टक्कर से बांस टूट जाते हैं।
शिकायत
1. नालियों के अभाव में घरों का पानी कच्ची सड़कों पर बहता है।
2. कई गली में बिजली के खंभे नहीं लगे हैं, जहां लगे वहां बेतरतीब तरीके से लगाए हैं।
3. बारिश में अधिकांश रास्ते जलमग्न हो जाते हैं। बच्चों का स्कूल तक जाना मुश्किल होता है।
4. सफाई कर्मचारियों के नहीं आने से जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता। त्रस्त होकर खुद ही करनी पड़ती सफाई।
5. कूड़ा-करकट सड़कों व प्लॉटों में फैला रहता है।
समाधान
1. हर गली में जल निकासी को नालियां बनें। जल निकासी की उचित व्यवस्था हो जाएगी।
2. बिजली के पोल को दुरुस्त कराया जाए, जिससे बांस-बल्ली हट सकें।
3. बारिश के पानी की निकासी के लिए नाले साफ हों। मुख्य नाला पक्का बनाया जाए।
4. स्कूली बच्चों के लिए सुचारू मार्ग बनाया जाए। ताकि घर तक आराम से आ-जा सकें।
5. प्लॉटिंग नियमानुसार हो। रास्तों की बाधाएं हटाई जाएं। ताकि लोग निकल सकें।
बोले बाशिंदे
बारिश में जलभराव से घरों में कीड़े-मकोड़े समेत सांप भी घुस जाते हैं। जान को खतरा रहता है। कोई सुनने वाला नहीं। -बिट्टी देवी
सालों पहले खड़ंजा लगाया गया था। वह भी कई जगहों से टूटने लगा है। मुख्य मार्ग से यहां तक सीसी सड़क बनवाई जाए। -रिंकू
नाली का निर्माण न होने से गली में जलभराव होता है। बारिश में ज्यादा दिक्कत है। स्कूली बच्चों को ज्यादा परेशान होना पड़ता। -श्रीकृष्ण
करीब 20 साल से रह रहे हैं पर योजनाओं से वंचित हैं। वोट मांगने के दौरान जनप्रतिधि आते हैं, इसके बाद नहीं दिखते। -पातीराम कश्यप
हर घर जल योजना के तहत यहां लाभ नहीं मिला, जबकि पड़ोस के मोहल्लों में घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। -राम प्रकाश
कूड़ादान नहीं लगाए हैं, जिससे लोग घरों का कूड़ा खाली प्लाॅटों में फेंकने को मजबूर होते हैं। बाद में दुर्गंध आती है। -मनोज सिंह
यहां खड़ंजा तक नहीं है। सीसी सड़क का निर्माण कराया जाए, जिससे स्कूली बच्चों को दिक्कतें न हो सकें। -राजेश कुमार
बारिश में जीवन नारकीय हो जाता है। जभराव से हफ्तों लोग घरों में कैद रहते हैं। बाइक चालक फिसलकर गिर जाते हैं। -सोहन
एक सरकारी हैंडपम्प तक नहीं है, जिससे गर्मी में दिक्कतें होती हैं। वाटर लेवल भी कम से घरों के हैंडपम्प पानी छोड़ देते हैं। -कल्लू सिंह
कच्ची गलियों को पक्का बनवाया जाए, जिससे बरसात के दौरान जलभराव की समस्या से निजात दिलाई जाए। -ओम प्रकाश
घर के पास बेतरतीब तरीके से बिजली विभाग ने पोलों को लगाया है। बांस के सहारे घरों तक बिजली के तार लेकर गए हैं। -मोनू
घर के सामने ही पानी भर जाता है। जिसको खुद ही साफ करना पड़ता है। जिम्मेदार समस्या का निस्तारण कराएं। -कुसुमा
बोले जिम्मेदार
आशानगर मोहल्ले की सफाई व्यवस्था को ठीक कराया जाएगा। नालियों के निर्माण को प्रयास किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों से भी वार्ता करेंगे। जमा कूड़ा को उठवाकर डंपिंग स्थल तक पहुंचाया जाएगा। -विनय कुमार सिंह, डीपीआरओ
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