मेरठ में मकान गिरा: नीचे दबी थीं 12 जिंदगियां, हाथों से मलबा हटाने में जुट गए लोग
- तीन मंजिला मकान गिरने के बाद 12 लोग मलबे में फंसे रह गए। उन्हें बचाने के लिए मोहल्ले के लोग दौड़े। तीन मंजिला मकान पूरी तरह से जमींदोज होने के कारण मलबे का ढेर लग गया। फंसे लोगों को बचाने के लिए मोहल्ले वालों ने हाथों से मलबा हटाना शुरू कर दिया।

मेरठ की जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान गिरने के बाद 12 लोग मलबे में फंसे रह गए। इनको बचाने के लिए मोहल्ले के लोग दौड़े। तीन मंजिला मकान पूरी तरह से जमींदोज होने के कारण मलबे का ढेर लग गया। फंसे लोगों को बचाने के लिए मोहल्ले वालों ने हाथों से मलबा हटाना शुरू कर दिया। जब तक पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, लोगों ने एक हिस्सा साफ कर दिया था, लेकिन इसके बाद लेंटर ने सारा काम रोक दिया। फायर ब्रिगेड की टीम अपने उपकरण लेकर पहुंची और लेंटर काटने का काम शुरू किया गया।
जाकिर कॉलोनी स्थित इस मकान में शाम करीब पांच बजे साजिद, उनकी मां नफ्फो, पत्नी साईमा, बच्चे और भाइयों के परिवार के सदस्य मौजूद थे। बच्चे घर के अंदर खेल रहे थे और अचानक दर्दनाक हादसा हो गया। तीन मंजिला मकान अचानक भरभराकर गिर गया। मकान का पीछे वाला हिस्सा, जिसमें सभी लोग मौजूद थे, वह मलबे में बदल गया। हादसा हुआ तो आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े। साजिद और अन्य लोगों को आवाज लगाकर खैरियत लेने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी का जवाब नहीं आया। मलबे में दबे लोगों और बच्चों को बचाने के लिए मोहल्ले वालों ने हाथों से मलबा हटाना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। लोगों ने कुछ मलबा हटा दिया, लेकिन इसके बाद लेंटर के कारण सारा काम रुक गया। फायर ब्रिगेड टीम ने ड्रिल मशीन से लेंटर को तोड़ने और कटर से काटना शुरू किया। वहीं, लोगों ने जेनरेटर की व्यवस्था कराई। इस बीच दो घंटे की मशक्कत के बाद कुछ बच्चों और साजिद की पत्नी साईमा मलबे के नीचे दिखाई दिए। सभी ने हाथ हिलाकर मदद मांगी और पानी मांगा। इसके बाद लोगों ने बच्चों के लिए पानी की बोतल पहुंचाई। किसी तरह साईमा और दो बच्चों को बाहर निकाला गया। साजिद की लाश भी इसी दौरान बाहर निकाली गई।
एनडीआरएफ के आने के बाद तेज हुआ काम
मकान का मलबा हटाने और लेंटर को काटने के लिए जो उपकरण चाहिए, वह फायर ब्रिगेड के पास नहीं थे। लेंटर के कटे हुए टुकड़ों को हटाने में भी फायर टीम सफल नहीं हो रही थी। शाम करीब 7.30 बजे एनडीआरएफ टीम जब पहुंची तो बचाव कार्य में तेजी आई। इसके बाद लेंटर को काट कर अलग करने का काम किया गया और इन टुकड़ों को हटाकर अंदर से लोगों को बाहर निकालने की कोशिशें तेज हो गईं।
बारिश ने रोका कई बार काम
बचाव कार्यों के दौरान बारिश बाधा बन गई। दो बार तेज बारिश आने के कारण एनडीआरएफ और फायर टीम को बचाव कार्य रोकना पड़ा। इस दौरान मशीनों को ढंक कर चलाया गया, ताकि कोई अनहोनी न हो जाए। वहीं, इलाके के लोगों ने लाइट की कमी के कारण जनरेटर और लाइटों की व्यवस्था कराई। आसपास के मकानों से लाइट लगाकर बचाव कार्य को जारी रखा गया।