Government Computers in Villages Misused Only 20 Functional 35 Malfunctioning ग्राम सचिवालय की बजाय प्रधान के घर की शोभा बढ़ा रहे कम्प्यूटर, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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ग्राम सचिवालय की बजाय प्रधान के घर की शोभा बढ़ा रहे कम्प्यूटर

Kushinagar News - कुशीनगर में ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा स्थापित कंप्यूटरों का सही उपयोग नहीं हो रहा है। जांच में 20 प्रतिशत पंचायतों में कंप्यूटर नहीं मिले, 35 प्रतिशत खराब पाए गए और कई स्थानों पर लोग नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरFri, 11 April 2025 10:40 AM
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ग्राम सचिवालय की बजाय प्रधान के घर की शोभा बढ़ा रहे कम्प्यूटर

कुशीनगर। शासन द्वारा ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को गांव में ही आय, जाति, निवास आदि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ग्राम सचिवालयों की स्थापना करा कर वहां कम्प्यूटर उपलब्ध कराया गया है। मगर जिले की कई ग्राम पंचायतों में ये कंप्यूटर ग्राम सचिवालय के बजाय प्रधान के घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में खराब पड़े हैं, जिसे जिम्मेदारों द्वारा ठीक कराने की जहमत भी नहीं उठायी जा रही है। इस तरह जिस उद्देश को लेकर सरकार ने कम्प्यूटर लगाये गए उसपर पानी फेरने का काम जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है। जिले में कुल 980 ग्राम पंचायतें हैं। शासन ने ग्राम पंचायतों में सचिवालय बनवाकर वहां मेज, कुर्सी, इन्वर्टर, कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था कर डिजिटल कार्यालय बनाया। सचिवालय में सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) स्थापित की गयी। पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गयी ताकि ग्रामीणों को जरूरत के अनुसार गांव से ही जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र आदि उपलब्ध करा दें। पिछले दिनों डीपीआरओ ने सभी ग्राम सचिवालयों की सीएससी से जारी प्रमाण पत्रों का डाटा मंगवाया। सामने आया कि यहां बेहद कम आवेदन आए हैं। इसकी वजह जानने को डीपीआरओ ने करीब 941 ग्राम पंचायतों में अपनी टीम भेजकर जांच करायी। हकीकत सामने आने पर अधिकारी भी दंग रह गये।

जांच में करीब 20 प्रतिशत तो ऐसी ग्राम पंचायतें पायी गयी हैं, जहां पंचायत भवनों पर कम्प्यूटर ही नहीं लगे थे। शासन द्वारा दिये गये कम्प्यूटर ग्राम प्रधान के घरों की शोभा बढ़ा रहे थे। 35 प्रतिशत कम्प्यूटर खराब पाए गए। इनमें कई के आईडी पासवर्ड अब तक नहीं मिले थे। कुछ ग्राम सचिवालयों में यह भी सामने आया कि यहां गांव के लोग पहुंचते ही नहीं। वहीं 10 प्रतिशत पंचायत भवनों में बिजली नहीं होना तथा आज से या कल से आवेदन करने की बात कही गई। 5 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों के नहीं होने से यह काम बाधित है। जांच में ये भी सामने आया कि गांवों में तैनात किये गये कई पंचायत सहायकों को कम्प्यूटर का पर्याप्त ज्ञान ही था , जिससे अधिकतर कार्य बाधित हो रहे हैं।

कई सचिवालयों में कम्प्यूटर खराब पड़े थे और कुछ स्थानों पर उनका उपयोग ही नहीं हो रहा। जांच के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीपीआरओ ने एडीओ पंचायतों और सचिवों को निर्देशित किया है कि सभी ग्राम सचिवालयों में कम्प्यूटर ठीक कराये जाये और उनका उपयोग सही रूप से सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने गांवों में खराब पड़े कम्प्यूटरों और प्रधानों के निजी उपयोग पर नाराजगी जताते हुये सख्त कार्रवाई करने के लिये ब्लॉक व गांव के जिम्मेदारों को आदेशित किया है।

डीपीआरओ कुशीनगर आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा, ये सरकारी कंप्यूटर हैं। ग्राम प्रधान की निजी संपत्ति नहीं है। इससे न सिर्फ शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है, बल्कि डिजिटल इंडिया और ग्रामीण पारदर्शिता जैसे अभियान भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। ऐसा करने वालों की जांच कराई गई है और संबंधित को आदेशित किया गया है कि शीघ्र ही पंचायत भवनों में कम्प्यूटर लगाकर उसका उपयोग शासन की मंशा के अनुरुप ग्रामीणों के कार्यों के लिये किया जाये। इसके अलावा जहां भी खराब है उसे जल्द ठीक कराया जाये, जिससे ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके।

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