दून के स्कूल में लड़कियों को एडमिशन देने का था प्लान, लड़कों ने ही कर दिया विरोध; कहा- DNA बिगड़ जाएगा
देहरादून के एक प्रसिद्ध स्कूल जिसमें सिर्फ लड़के पढ़ते हैं, वहां लड़कियों को भी एडमिशन देने के विचार को विरोध के बाद बदलना पड़ा है। यह विरोध पूर्व छात्रों की ओर से किया गया।

देहरादून के एक प्रसिद्ध स्कूल जिसमें सिर्फ लड़के पढ़ते हैं, वहां लड़कियों को भी एडमिशन देने के विचार को विरोध के बाद बदलना पड़ा है। यह विरोध पूर्व छात्रों की ओर से किया गया। अब स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि 'को-एड' को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है, बल्कि सिर्फ इस पर विचार-विर्मश किया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन पब्लिक स्कूल के हेडमास्टर डॉ. जगदीप सिंह ने 17 मार्च को स्कूल गर्वनिंग बॉडी- आईपीएस सोसाइटी- के सामने चार पेज का एक मेमो पेश किया था। इसमें स्कूल में 'को-एड' (जहां लड़के और लड़कियां साथ पढ़ते हैं) मॉडल लागू करने का विचार रिखा गया था। लेकिन पूर्व छात्रों ने यह कहते हुए विरोध दर्ज कराया कि 1935 में स्थापित स्कूल के सांस्कृतिक डीएनए पर इसका असर होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि को-एड मॉडल की ओर शिफ्ट करने पर शुरुआती विचार के लिए प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन इसको लेकर विवाद हो गया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से स्पष्ट किया गया कि हेडमास्टर की तरफ से 17 मार्च को जो संदेश भेजा गया वह घोषणा नहीं थी, बल्कि स्कूल के भविष्य को लेकर विचार-विमर्श के लिए था।
मेमो में कहा गया था कि पिछले सालों में कई स्कूलों ने को-एजुकेशन को अपनाया है। इससे पहले कि इस पर कोई फैसला हो पाता पूर्व छात्रों ने इस पर असहजता व्यक्त की। पूर्व छात्रों की ओर से जाहिर की गई आपत्तियों के बाद बोर्ड ऑफ गर्वनेंस के चेयरमैन अनूप सिंह बिश्नोई ने 7 अप्रैल को आईपीएएस मेंबर्स (जिसमें अधिकतर पूर्व छात्र हैं) से कहा कि वह दस्तावेज सिर्फ विचार के लिए था।
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