Illegal Land Plotting in Kushinagar Revenue Loss and Unregulated Sales कृषि भूमि को आबादी में दर्ज कराए बिना धड़ल्ले से कर रहे प्लाटिंग, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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कृषि भूमि को आबादी में दर्ज कराए बिना धड़ल्ले से कर रहे प्लाटिंग

Kushinagar News - कुशीनगर के हाटा तहसील में अवैध रूप से खेती की जमीन को बिना आबादी में दर्ज कराए प्लाटिंग बनाकर बेचा जा रहा है। इससे राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि खरीदारों को बाद में भूमि परिवर्तन करना होगा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरTue, 6 May 2025 08:47 AM
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कृषि भूमि को आबादी में दर्ज कराए बिना धड़ल्ले से कर रहे प्लाटिंग

कुशीनगर। हाटा तहसील क्षेत्र के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध रूप से खेती की जमीन को आबादी में दर्ज कराए बिना ही प्लाटिंग बनाकर बेचे जा रहे हैं। आबादी में दर्ज कराने पर 143 की कार्यवाही कराते हुए सर्किल रेट का दो प्रतिशत शुल्क राजस्व के रूप में देना होता है। ज्यादातर मामलों में शुल्क का भुगतान न किए जाने से राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। खरीदने वालों को बाद में मकान बनवाने के लिए भूमि परिवर्तन करना होगा। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के सभी खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रुप में बेधड़क की जा रही है।

हाटा नगर पालिका क्षेत्र के गौरी रोड, कप्तानगंज रोड, पिपराइच मार्ग भड़कुलवा, ढाढा, मोती पाकड़ श्रीकांत, फोरलेन सड़क किनारे नगर पंचायत सुकरौली के लगभग सभी वार्डों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक कृषि भूमि पर प्लाटिंग का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। राजस्व विभाग, नगर पालिका व नगर पंचायत के अधिकारी भी मौन धारण किए हुए हैं। प्लाटिंग कारोबारी खेती की जमीन को बिना आबादी में दर्ज कराए प्लाट के रूप में बेच रहे हैं। जमीन को आबादी में दर्ज कराने के लिए 143 की कार्यवाही करानी होती है जिसमें एक फीसदी कोर्ट फीस और एक फीसदी स्टांप शुल्क के भुगतान का प्रावधान है। सूत्रों का कहना है कि प्रापर्टी डीलर ग्रुप बनाकर किसान से जमीन का सौदा करते हैं। जमीन पर कालोनी का नक्शा तैयार किया जाता है और फिर जमीन को आबादी में दर्ज न कराकर सीधे किसान से ही खरीददार को रजिस्ट्री करा रहे हैं। ऐसा करने पर दो फीसदी राजस्व का सीधे तौर पर नुकसान हो रहा है। साथ ही किसी भी प्लाट का रेरा में रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। इस संबंध में एसडीएम हाटा योगेश्वर सिंह का कहना है कि खेती की भूमि को आबादी में दर्ज कराने के लिए 143 की कार्यवाही करानी चाहिए। यदि नहीं है तो यह कार्यवाही न कराने वालों की सूची तैयार कर नोटिस दी जाएगी। ऐसे लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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