कार्रवाई न करने पर पावर कॉरपोरेशन के खिलाफ खोला मोर्चा
Lucknow News - - राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद और संघर्ष समिति ने कहा, आरोप सिद्ध होने के बाद

पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण का मसौदा तैयार करने के लिए रखे गए सलाहकार के खिलाफ कार्रवाई न होने पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कॉरपोरेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों संगठनों ने पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे अपने निजी हितों के लिए आरोपित सलाहकार कंपनी को बचाने में जुटे हैं।
कंपनी पर आरोप हैं कि उसने अपने ऊपर लगे जुर्माने की बात टेंडर लेते वक्त छुपाई थी। हालांकि बाद में उसने नोटिस के जवाब में जुर्माने की बात स्वीकार कर ली है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि तकरीबन 2 सप्ताह बीतने को हैं, लेकिन पावर कॉरपोरेशन उसे लगातार बचाने में जुटा है। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के एक निदेशक जानबूझकर बिना किसी टिप्पणी के फाइल इधर-उधर कर रहे हैं। आरोप यह भी हैं कि निदेशक ने कंपनी को बचाने के लिए उससे लीगल एक्सपर्ट से जवाब तैयार करवाने की सलाह दे रहे हैं।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सलाहकार कंपनी झूठे शपथ पत्र की बात स्वीकार कर चुकी है। बावजूद इसके निदेशक (वित्त) कार्रवाई के बजाय उसी कंपनी से निजीकरण का मसौदा तैयार करवा रहे हैं। निदेशक का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो रहा है, लिहाजा वह तब तक कार्रवाई न करके निजीकरण का पूरा मसौदा तैयार करवा लेना चाहते हैं। इससे साफ है कि निजीकरण में उनका व्यक्तिगत हित है।
जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने का सिलसिला जारी
जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। बदायूं में सांसद आदित्य यादव, इटावा में सांसाद जितेंद्र दोहरे को ज्ञापन दिया गया। विधान परिषद के सदस्य डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक गणेश चंद्र चौहान, अंकुर राज तिवारी, विजय राजभर और पूर्व राज्यमंत्री रीबू श्रीवास्तव को भी ज्ञापन सौंपे गए।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप और सीबीआई जांच की मांग
दोनों संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप और सीबीआई जांच की मांग की है। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि तत्काल निजीकरण की फाइलें सील की जाएं क्योंकि पावर कॉरपोरेशन जिस तरह की मंशा के साथ आगे बढ़ रहा है, उससे पूरी प्रक्रिया में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका है।
पहलगाम घटना की निंदा, विरोध सभाएं रद्द
संघर्ष समिति ने पहलगाम की घटना को अमानवीय, बर्बर और कायरतापूर्ण बताते हुए हमले की निंदा की है। संघर्ष समिति ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई। संघर्ष समिति ने पहलगाम की घटना की वजह से बुधवार को प्रदेश भर में विरोध सभाएं नहीं कीं।
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