Illegal Mining Operations Exposed Officials Face Legal Action डीएम ने खनन में दलाली पकड़ी, कैसरबाग में मुकदमा दर्ज, Lucknow Hindi News - Hindustan
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डीएम ने खनन में दलाली पकड़ी, कैसरबाग में मुकदमा दर्ज

Lucknow News - शहर की तहसीलों में खनन के लिए अनुमति लेने के नाम पर लोग धोखाधड़ी कर रहे थे। बीबीयू में दो लोगों ने खनन की अनुमति ली, लेकिन एक ने अधिकारियों पर दबाव बनाया। डीएम ने अनुमति निरस्त कर दी और खनन अधिकारी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 1 May 2025 08:55 PM
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डीएम ने खनन में दलाली पकड़ी, कैसरबाग में मुकदमा दर्ज

शहर की तहसीलों में खनन के नाम पर खेल चल रहा। लोग अलग-अलग विभागों से सेटिंग करके खनन की अनुमति ले रहे थे। उसके बाद दूसरे को ठेका दे रहे थे। एक ऐसे ही मामले में बीबीयू के पास दो लोगों ने खनन की अनुमति ली। एक ने खनन की तो दूसरे ने पर्यावरण की अनुमति ली। जब एक व्यक्ति अफसरों पर दबाव बनाने लगा तो मामला डीएम विशाख जी तक पहुंचा। डीएम ने खनन अनुमति निरस्त कर दी। साथ ही उनके निर्देश पर खनन अधिकारी दिनेश कुमार ने दोनों के खिलाफ प्रशासनिक अफसरों को धमकाने, दबाव बनाने की धाराओं के तहत मुकदमा कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है।

इंस्पेक्टर कैसरबाग सुनील कुमार सिंह के मुताबिक खनन अधिकारी ने तहरीर देकर बताया कि रायबरेली रोड बीबीएयू विवि के पास शहीदनगर में रहने वाले अश्वनी प्रताप सिंह ने 24 फरवरी को यूपी माइन मित्रा पोर्टल पर मिट्टी खनन की अनुमति लेने के लिए आवेदन किया था। आवेदन में सदर तहसील के सरसंडा गांव में ढाई मीटर तक मिट्टी खनन की अनुमति मांगी थी। इसके अलावा बांदा जिले के नरैनी में रहने वाले दिलीप कुमार ने एक साल पहले 30 नवंबर 2024 को उसी गांव में खनन के लिए आवेदन किया था। दिलीप के दस्तावेज पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र के लिए लगाए गए। जबकि अश्वनी ने अपने दस्तावेजों में पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र नहीं लगाया था। इस कारण जिलाधिकारी विशाख जी ने 21 अप्रैल को अश्वनी का आवेदन निरस्त कर दिया और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में पता चला कि अश्वनी प्रताप सिंह और दिलीप दोनों मिले हुए हैं। दोनों का आपस में अनुबंध है। यह जानकारी होते ही जिलाधिकारी ने दिलीप के पक्ष में जारी खनन आदेश को भी निरस्त करने के लिए एसईआईएए के सचिव को पत्र भेजा। पत्र पर जांच की जा रही थी, तभी अजय सिंह नाम के व्यक्ति ने विभाग के कई अधिकारियों को फोन कर खनन की अनुमति अश्वनी और दिलीप दोनों के पक्ष में करने का दबाव बनाया। जबकि खनन अनुमति के आवेदन में अजय सिंह का कोई नाम ही नहीं था। पड़ताल में पता चला कि सरगना अजय सिंह ही है। उसी ने दोनों के नाम से खनन की अनुमति के लिए आवेदन कराया था। यह लोग खनन की अनुमति के लिए दलाली का काम करते हैं। इसके बाद खनन अधिकारी दिनेश ने तहरीर देकर कैसरबाग में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ने बताया कि अजय सिंह और अश्वनी प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरोह बड़ा है। दोनों आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी की जा रही है।

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