बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर कसेगा शिकंजा
Lucknow News - -केजीएमयू के हड्डी रोग विभाग से प्रिसक्रप्शन ऑडिट शुरू -दो सदस्यी डॉक्टरों की कमेटी

लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। केजीएमयू में मरीजों को बाहर से दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने प्रिसक्रप्शन (डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखी दवा) ऑडिट शुरू करा दिया है। इसकी शुरुआत हड्डी रोग विभाग से हो गई है। मनचाही कंपनियों की दवा लिखने वाले डॉक्टर भी निशाने पर होंगे। मरीजों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाएं मुहैया कराने के लिए एचआरएफ के काउंटर खोले गए हैं। इसके बावजूद डॉक्टर मरीजों को बाजार की दवाएं लिख रहे हैं। इसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। जबकि एचआरएफ के काउंटर पर नामचीन कंपनियों की दवाएं, स्टंट व सर्जिकल सामान उपलब्ध हैं।
इसके बावजूद सॉल्ट के बजाए ब्रेंड नाम से दवाएं मरीजों को खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कई डॉक्टरों की हो रही जांच मरीजों को बाहर की जांच, दवा और स्टंट लिखने का खेल केजीएमयू में चल रहा है। वैस्कुलर सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर की शिकायत मरीज ने की। बाकायदा पर्चे आदि बतौर सुबूत पेश भी किए। केजीएमयू प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की। लेकिन अभी तक आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इन बिन्दुओं पर हो रहा ऑडिट एचआरएफ की दवा लिख रहे हैं या नहीं खास कंपनी की दवा तो नहीं लिखी जा रही है क्या बाहर की लिखी गई दवा एचआरएफ में उपलब्ध नहीं है साल्ट के बजाए ब्रांड नेम तो नहीं लिखा है वर्जन कमीशनखोरी के खेल को रोकने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने प्रिसक्रप्शन ऑडिट कराने का फैसला किया है। प्रिसक्रप्शन ऑडिट की शुरुआत हड्डी रोग विभाग से की गई है। दो सदस्यीय कमेटी मरीजों के लिखे गए पर्चों की पड़ताल कर रही है। मरीजों को बाहर की दवा लिखने वाले डॉक्टरों की पहचान की जा सकेगी। सभी डॉक्टर बदनामी से बचेंगे। मरीजों को भी महंगी दवाओं की खरीद से बचाया जा सकेगा। डॉ. केके सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू
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