चाचा की हत्या में भतीजा गिरफ्तार, पुलिस की सर्तकता से बचे बेगुनाह
Lucknow News - - मजदूर की पत्नी ने रंजिश के चलते छह पर दर्ज कराया था मुकदमा -

नगराम, संवाददाता। नगराम के कुबहरा में मजदूर की हत्या करने के बाद शव फेंका गया था। मजदूर की पत्नी ने गांव के ही छह लोगों पर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में नामजद आरोपितों की भूमिका सामने नहीं आई। इस बीच मजदूर के भतीजे की भूमिका पर संदेह हुआ। पूछताछ में पता चला कि शराब पीते वक्त हुए विवाद में भतीजे ने ही गला घोंट कर चाचा की हत्या की थी। 55 लोगों से पूछताछ के बाद पकड़ा गया आरोपित डीसीपी दक्षिण निपुण अग्रवाल ने बताया कि पांच मई की सुबह कुबहरा स्थित एक कब्र के पास मजदूर महेश (35) का शव पड़ा मिला था।
पत्नी सुनीता ने रामदीन, लवकुश, दीपू, विनीता, रेशमा और सुरेंद्र कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। डीसीपी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबा कर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। संदेह के आधार पर नामजद आरोपितों से पूछताछ की गई। पर, महेश की हत्या से जुड़े साक्ष्य नहीं मिले। उनके मोबाइल की लोकेशन भी घटनास्थल पर नहीं थी। विवेचना के दौरान एसओ नगराम ने 55 लोगों के बयान दर्ज किए। साथ ही कई सीसी फुटेज खंगाले। जिसमें महेश के साथ उसका भतीजा मंशाराम दिखाई पड़ा। संदेह के आधार पर आरोपित को हिरासत में लिया। पूछताछ में मंशाराम ने बताया कि चार मई को वह शराब के नशे में कुबहरा चौराहा गया था। वहां पर चाचा महेश से मुलाकात हुई। वह भी शराब खरीद कर लाया था। दोनों ने साथ बैठ कर शराब पी। इस दौरान विवाद होने लगा। जिसके चलते मंशाराम ने बेल्ट से महेश की गला घोंट कर हत्या कर दी। फिर शव को कुछ दूर बनी सहजराम की कब्र पर फेंक कर भाग गया था। आत्महत्या के लिए उकसाने में मजदूर हुआ था गिरफ्तार एसीपी रजनीश वर्मा के मुताबिक तीन साल पहले सहजराम ने फांसी लगाई थी। मजदूर महेश और उसकी पत्नी सुनीता पर सहजराम को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगा था। जिसमें पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद से ही दोनों परिवारों में रंजिश है। दूसरों को फंसाने के लिए फेंका था शव पूछताछ में आरोपित मंशाराम ने बताया कि महेश और सहजराम के परिवार के बीच रंजिश है। यह बात उसे पता थी। बेल्ट से महेश का गला घोंटने के बाद जानबूझ कर मंशाराम ने शव सहजराम की कब्र पर फेंका था। वहीं, शव मिलने के बाद सुनीता को विपक्षियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए उकसाया भी था। पुलिस की सतर्कता से बच गए बेगुनाह सहजराम के बेटे लवकुश, पत्नी विनीता, बेटी रेशमा, साले सुरेंद्र कुमार के साथ रिश्तेदार रामदीन और दीपू को हत्या का मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेजने की साजिश रची गई थी। पर, पुलिस की सतर्कता से बेगुनाह बच गए। बुधवार को हत्या आरोपित के पकड़े जाने के बाद मुकदमे में आरोपित बनाए गए परिवार ने पुलिस का शुक्रिया अदा किया।
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