एक राष्ट्र एक चुनाव से बढ़ेगा मतदान प्रतिशत - भूपेंद्र चौधरी
Lucknow News - चुनाव से छह महीने पहले आचार संहिता के कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से वित्तीय बोझ कम होगा और विकास कार्यों में धन खर्च होगा। एक चुनाव में...

चुनाव से छह महीना पूर्व आचार संहिता के कारण प्रभावित होते हैं विकास कार्य एक चुनाव में प्रत्येक मतदाता पर आता है ₹1400 रुपए का खर्च बीकेटी, संवाददाता। एक राष्ट्र एक चुनाव राष्ट्र हित में है। देश में आजादी के बाद लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए हैं। इससे सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होगा। जिससे मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को बीकेटी के एसआर इंटरनेशनल कॉलेज में आयोजित ‘एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर आयोजित संगोष्ठी में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 1952, 1957 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए हैं।
बाद में कांग्रेस की अति महत्वाकांक्षा के चलते कई राज्यों की विधानसभाओं को भंग करने के बाद यह चक्र टूट गया। उन्होंने कहा कि कोई भी चुनाव आने से छह महीना पूर्व आचार संहिता के कारण विकास कार्य प्रभावित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश पर वित्तीय बोझ भी पड़ता है, एक साथ चुनाव होंगे तो देश का पैसा बचेगा और यही धन विकास कार्यों में खर्च होगा जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा आकलन किया गया है कि एक चुनाव में प्रत्येक मतदाता के ऊपर 1400 रुपए का खर्च आता है। इस प्रकार देश में करोड़ मतदाता है इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक बार चुनाव कराने में देश की जनता का कितना धन खर्च होता है। वहीं बार-बार चुनाव होने से बार-बार मतदाता सूची का पुनरीक्षण होने पर प्रशासनिक कर्मचारी के कार्य पर भी प्रभाव पड़ता है। संगोष्ठी में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ राजेंद्र मोहन चमन, जिला अध्यक्ष विजय मौर्य, बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला, एमएलसी पवन सिंह चौहान समेत तमाम शिक्षक, चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, एनजीओ के सदस्य व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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