निजीकरण का विरोध रहेगा जारी, उपभोक्ताओं को नहीं होगी परेशानी
Lucknow News - - राज्य विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और अभियंता संघ का आश्वासन लखनऊ, विशेष

कार्य बहिष्कार में शामिल अभियंताओं और अन्य बिजली कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद बिजली कर्मचारी संगठन निजीकरण का विरोध रोकने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, उन्होंने यह जरूर साफ किया है कि उनके किसी भी विरोध प्रदर्शन से आम उपभोक्तओं को दिक्कत नहीं होगी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने आरोप लगाया है कि पावर कॉरपोरेशन खुद ही हड़ताल थोपना चाहता है ताकि उसकी आड़ में निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संघर्ष समिति ने हड़ताल की कोई नोटिस नहीं दी है, लेकिन कॉरपोरेशन प्रबंधन ऐसा ही माहौल बना रहा है।
चेयरमैन हड़ताल का हवाला देकर निदेशकों को कार्य विस्तार देने में जुटे हैं। निदेशक (वित्त) निधि नारंग को तीसरी बार कार्य विस्तार दिया गया है। इसके अतिरिक्त उत्पादन निगम के निदेशक (तकनीकी), मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (वाणिज्य) और निदेशक (पारेषण) को भी हड़ताल के नाम पर कार्य विस्तार दिया गया है। संघर्ष समिति की केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में आम जनता को आश्वस्त किया गया कि निजीकरण के विरोध में चल रहे शांतिपूर्ण ध्यानाकर्षण आंदोलन से जनता को दिक्कत नहीं होगी। सोमवार से 28 मई तक उपभोक्ताओं के साथ निजीकरण के विरोध में आंदोलन चलाए जाएंगे। आंदोलन के दौरान पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन से असहयोग होगा और उपभोक्ताओं को दिक्कत नहीं होगी। अस्पताल, रेलवे, पेयजल आपूर्ति आदि सेवाएं बाधित नहीं की जाएंगी। कॉरपोरेशन प्रबंधन के निर्देश पर जल निगम के टैंकरों में पेय जल भरे जाने की तैयारी अनावश्यक तौर पर आम जनता में भय पैदा करने के लिए की जा रही है। संघर्ष समिति ने सभी जिलों में बिजली कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कड़ी नजर रखें कि प्रबंधन जान-बूझ कर बिजली व्यवस्था में गड़बड़ी न फैलाने पाए। संघर्ष समिति ने इसके लिए अलग टीम बना दी है। हड़ताल थोपकर करना चाहता है निजी घरानों की मदद संघर्ष समिति ने कहा कि निजी घरानों के प्रतिनिधि राजधानी में डेरा डाले हुए हैं और पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन के संपर्क में हैं। निजी घरानों की मदद के लिए ही कॉरपोरेशन भीषण गर्मी में हड़ताल थोपना चाहता है। अभियंता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान व महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि सोमवार से कार्यालय समय के बाद अभियंता प्रबंधन के साथ असहयोग करेंगे लेकिन उपभोक्ताओं को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। अभियंता संघ ने निजीकरण के बाद कर्मचारियों व अभियंताओं को दिए जा रहे तीनों विकल्पों को खारिज कर दिया है। उत्पादन निगम के जीएम (एचआर) पर दमन का आरोप अभियंता संघ ने उत्पादन निगम के जीएम (एचआर) एके सेठ पर दमनकारी उत्पीड़नात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। संगठन ने कहा कि निजी स्वार्थों के लिए अभियन्ताओं पर बेजा दबाव डाल रहे हैं। उनके स्वार्थ में शामिल न होने वाले अभियंताओं को स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई की नोटिस दी जा रही है। अभियन्ता संघ ने उत्पादन निगम के चेयरमैन को पत्र भेज कर एके सेठ के कृत्यों की जांच करवाने और जांच तक उन्हें लखनऊ से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है।
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