पार्किंग में ई-चार्जिंग के साथ फास्टैग से भुगतान की सुविधा
Lucknow News - - 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर पार्किंग पर प्रतिबंध - दिव्यांगों के लिए

-पीपीपी मॉडल पर विकसित किए जाएंगे शहरों में पार्किंग लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य सरकार ने शहरों में बेहतर पार्किंग की सुविधा देने के लिए पीपीपी मॉडल पर पार्किंग की सुविधा देने का फैसला किया है। पार्किंग ठेके 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर नहीं दिए जाएंगे। दिव्यांगों के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था होगी। ई-चार्जिंग की व्यवस्था भी होगी। इसके लिए 20 प्रतिशत स्थान आरक्षित होंगे। पार्किंग स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे के साथ डिजिटल संकेतक, बूम बैरियर, फास्टैग के साथ ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था करनी होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग स्थान का निर्माण, अनुरक्षण एवं प्रचालन) नियमावली-2025 को मंजूरी दी गई। यह सुविधा पहले चरण में प्रदेश के 17 नगर निगम वाले शहरों लखनऊ, कानपुर, आयोध्या, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बरेली, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर व सहारनपुर होगी। आगे चलकर इसे विस्तार दिया जाएगा। कहीं भी मनमाने ढंग से पार्क नहीं कर सकेंगे वाहन शहरों में जरूरत के आधार पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। कोई भी व्यक्ति चिह्नित पार्किंग स्थलों के अतिरिक्त किसी भी सड़क, पटरी, फुटपाथ या सावर्जनिक स्थानों पर वाहन नहीं खड़ी करेगा। निजी स्थलों पर नगर निगमों से लाइसेंस शुल्क जमा कर पार्किंग स्थल बनाए जा सकेंगे। सभी नगर निगमों में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक पार्किंग प्रबंधन समिति बनेगी। इसकी देखरेख में ही पार्किंग स्थल चिह्नित होंगे और ठेके दिए जाएंगे। पार्किंग स्थल पर बनेंगे स्पा व सैलून नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि पार्किंग स्थल पर कार स्पा व सैलून और कार बाजार खोलने की अनुमति दी जाएगी। नो पार्किंग जोन में ठेकेदार को अवैध रूप से खड़ी होने वाली गाड़ियों को स्वयं उठवाना होगा। पार्किंग स्थलों के लिए समिति द्वारा पार्किंग शुल्क का निर्धारण किया जाएगा। पार्किंग स्थल पर शौचालय, पेयजल आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। पांच साल के अनुबंध पर दिए जाएंगे पार्किंग स्थल पार्किंग के लिए पांच साल का अनुबंध किया जाएगा और आपसी सहमति से इसे तीन सालों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। टिकट से अधिक वाहन पार्क होने और दो माह के अंदर स्मार्ट सॉल्यूशंस की व्यवस्था न होने पर ठेका निरस्त कर दिया जाएगा। नगर आयुक्त को पार्किंग स्थल पांच दिन के लिए खाली कराने का अधिकार होगा। पार्किंग प्रबंध समिति की सिफारिश पर नगर निगम के अनुमोदन पर पार्किंग स्थल में लाइसेंस धारक को अनुमति देने का अधिकार होगा। क्या होगा फायदा - शहरों में लोगों को बेहतर पार्किंग की सुविधा मिलेगी - ट्रैफिक जाम की समस्या का प्रभावी रूप से समाधान होगा - पार्किंग शुल्क निर्धारित होने से मानमानी वसूली पर रोक लगेगी - मनमाने से तरीके से गाड़ियां खड़ी करने पर रोक से जाम से मुक्ति मिलेगी
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