यूपीएससी 2024 में कुमुद, प्रशांत ने लहराया परचम, रजत और अनुश्री भी हुए चयनित
Lucknow News - संघ लोक सेवा आयोग ने यूपीएससी 2024 का रिजल्ट घोषित किया। प्रयागराज की शक्ति दुबे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। लखनऊ की कुमुद मिश्रा ने 69वीं रैंक हासिल की। कुमुद ने दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना...

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) 2024 का रिजल्ट घोषित लखनऊ, संवाददाता।
संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) 2024 का रिजल्ट घोषित कर दिया। परीक्षा में प्रयागराज की शक्ति दुबे ने देश में प्रथम स्थान हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। साथ ही लखनऊ से कुमुद मिश्रा ने 69 रैंक, प्रशांत सिंह 102 रैंक, रजत सिंह 132 रैंक, अनुश्री सचान 220 रैंक और उत्कर्ष नारायण ने 850 रैंक लाकर शहर का नाम रौशन किया है। चयनितों का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को असफलता से घबराना नहीं चाहिए। वह परीक्षा पैटर्न और सिलेबस समझकर ही तैयारी करें। सही किताबें पढ़ें। जब तक सफलता न मिले, तब तक लगातार प्रयास करते रहें। गौरतलब है कि यूपीएससी 2023 में लखनऊ के 26 वर्षीय आदित्य श्रीवास्तव ने देश में प्रथम स्थान लाकर शहर-ए-अदब का परचम लहराया था।
दूसरे प्रयास में 69वीं रैंक लाकर बनेंगी आईएएस
लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई करने वाली कुमुद मिश्रा ने अपने दूसरे प्रयास में 69वीं रैंक लाकर आईएएस बनने का सपना पूरा किया। उन्होंने 2023 में एलयू से बीए राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है। पहले प्रयास में कुमुद ने 259वीं रैंक लाकर भारतीय राजस्व सेवा में चयन प्राप्त किया। हालांकि वह इससे संतुष्ट नहीं थीं। जिसके बाद नौकरी ज्वाइन कर अवैतनिक अवकाश लेकर दोबारा तैयारी शुरू कर दी और दूसरी बार में आईएएस बन गईं। कुमुद ने बताया कि पिता बीएस मिश्रा भारतीय सेना में कैप्टन पद से रिटायर्ड हैं। मां इंदु देवी गृहिणी हैं। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की है। सफलता का श्रेय परिवार और अथक परिश्रम को जाता है।
चयनितों से बातचीत
चौथे प्रयास में मिली सफलता, असफलता से मिली सीख
यूपीएससी परीक्षा नहीं एक कठिन साधना है। असफल होने पर भी डटे रहना है, हार नहीं मानना है। इसी मूल मंत्र ने चौथे प्रयास में मुझे सफलता दिलवाई। पहले दो प्रयासों में तो प्रीलिम्स भी नहीं निकला और तीसरे में इंटरव्यू के बाद भी चयनित नहीं हुआ। चौथे में उतनी ही ऊर्जा से प्रतिदिन आठ घंटे मेहनत की और सफलता का आकाश छू लिया। स्कूली शिक्षा सीएमएस अलीगंज से हुई। स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय से किया। पिता सुशील सिंह सरकारी सेवा में और मां कनकलता गृहिणी हैं। मूलत: जौनपुर जिले के खलीलपुर गांव का रहना वाला हैं। घर में एक छोटी और एक बड़ी बहन है। वह भी प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं। आईएएस बनने का ख्वाब बुन रहे युवाओं से कहूंगा मेहनत ईमानदारी से करें, सफलता वही दिलाएगी।
- प्रशांत सिंह, 102 रैंक
परीक्षा पैटर्न और सिलेबस समझकर मिली सफलता
मूलत: लखीमपुर खीरी जिले का रहने वाला हूं। लखनऊ में राजाजीपुरम सी ब्लॉक में रहकर कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया। अभी जेएनयू से राजनीति विज्ञान में एमए कर रहा हूं। पिता विजय प्रकाश निगम व्यवसायी और माता शीला निगम आंगनबाड़ी सहायिका हैं। मेरा चयन प्रथम बार में ही हुआ है। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को सलाह देना चाहूंगा कि वह पहले परीक्षा पैटर्न और सिलेबस समझें। बेसिक क्लियर रखें। रोजाना पढ़ाई पर ध्यान दें।
- आकाश निगम, 418 रैंक
जिस विषय में पैठ हो उसी का चयन करें
मूलत: सीतापुर जिले के रोटी गोदाम का रहने वाला हूं। लखनऊ में केशव नगर में घर है। पढ़ाई के दौरान नियमित अध्ययन के क्रम को टूटने नहीं दिया। यही कारण रहा कि इस बार 850वीं रैंक हासिल हुई। इससे पहले वर्ष 2020 में संघ सेवा में चयनित हुआ था। तब 813 रिक्त पद थे और मेरी 740 रैंक आई थी। वर्तमान में सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा खड़गपुर के पद पर तैनात हूं। स्नातक की पढ़ाई हिंदू कॉलेज दिल्ली से की है। पिता स्व. प्रेम नारायण का गत वर्ष निधन हो गया था और मां पूनम नारायण गृहिणी हैं। तैयारी करने वाले युवाओं को कहूंगा कि वह उसी विषय का चयन करें जिसमें उनकी पैठ हो और उन्हें वह अच्छा लगता हो।
- उत्कर्ष नारायण, 850 रैंक
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