असंतुलित खानपान और टेंशन लोगों को बना रही बीपी मरीज
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। टेंशन और अनियमित खानपान लोगों को बहुत जल्द उच्च रक्तचाप
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। टेंशन और अनियमित खानपान लोगों को बहुत जल्द उच्च रक्तचाप की मरीज बना रही है। इसकी तस्दीक जिला अस्पताल पहुंचे मरीज कर रहे हैं। शु्क्रवार को ओपीडी में पहुंचे 1058 मरीजों में 300 बीपी पीड़ित शामिल रहे। इनकी हिस्ट्री में असंतुलित आहार और टेंशन के साथ ही धूम्रपान बताया गया है। त्वरित इलाज नही मिलने पर पीड़ित को ब्रेन हेमरेज और हृदय रोग पीड़ित हो जाते हैं। जिला अस्पताल के बार रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश रमन ने बताया कि उच्च रक्तचाप साइलेंट किलर है। यह शरीर में धीरे-धीरे बढ़ता है। इसके कारण मायोकार्डियल इंफार्क्शन, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर जैसी कई हृदय संबंधी बीमारियां हो जाती है।
इसका सही समय पर पता कर इलाज व सावधानी बरतना जरूरी है। शुक्रवार को बाल रोग से लेकर फिजिशियन ओपीडी में हाइपरटेंशन पीड़ित मिले। 16 डाक्टरों की ओपीडी में करीब 300 हाइपरटेंशन पीड़ित मिले। इन पीड़ितों को डॉक्टरों ने दवा के साथ ही नियमित व्यायाम करने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी है। प्रशिक्षित डॉक्टर ही बीपी की सही कर सकते हैं जांच जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एवी त्रिपाठी ने बताया कि आला से बीपी की जांच करना सही है। बीपी साउंड की पहचान प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते है। लेकिन गांव से चौराहों से लेकर शहर के क्लीनिकों में धड़ाधड़ बीपी की जांच हो रही है। गलत रिपोर्ट पर दवा लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ ही कई बीमारी होने की आशंका अधिक हो जाती है। हाइपरटेंशन होने के कारण डॉ. राकेश रमन ने बताया कि यह बीमारी आनुवंशिक भी है। इसके अलावा अधिक वजन या मोटापा,लंबे समय तक मानसिक तनाव,उम्र बढ़ना,डायबिटीज, किडनी रोग और हृदय रोग,असंतुलितआहार, धूम्रपान, शराब का सेवन, और शारीरिक गतिविधि की कमी से यह बीमारी होती है। हाइपरटेंशन के लक्षण सिरदर्द,चक्कर आना,सांस लेने में परेशानी,नाक से खून आना,सीने में दर्द,जी मिचलाना, धूंधला दिखाई देना और उल्टी होना हाइपरटेंशन का लक्षण है। रक्तचाप कम करने के उपाय व्यायाम, वजन कम करना, चीनी का सेवन कम करना,धूम्रपान और शराब से दूर रहना, तनावमुक्त रहना,अच्छी नींद लेना, लहसुन का सेवन कर कर रक्तचाप से बचा जा सकता है। अस्पताल में हाइपरटेंशन की जांच व इलाज की व्यवस्था। डॉक्टर के सलाह पर ही पीड़ितों को दवा लेनी चाहिए। अस्पताल में भर्ती मरीजों की इलाज की मॉनिटरिंग हर रोज की जा रही है। डॉ. एके द्विवेदी, सीएमएस जिला अस्पताल
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