कहीं कूड़ा जल रहा तो कहीं खेतों में जलाई जा रही पराली
Mainpuri News - मैनपुरी। कहीं पराली जल रही है तो कहीं कूड़ा जलाया जा रहा है। आसमान से बरसती आग के बीच मैनपुरी का वातावरण प्रदूषित हो रहा है।

कहीं पराली जल रही है तो कहीं कूड़ा जलाया जा रहा है। आसमान से बरसती आग के बीच मैनपुरी का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। जनपद का एक्यूआई स्तर 200 को पार कर गया है जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। पराली और कूड़ा जलाने पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। यदि कोई ऐसा करता है तो उस पर जुर्माना लगाने का कानून है मगर स्थानीय प्रशासन पराली और कूड़ा जलाने से नहीं रोक पा रहा है। जिलेभर के खेतों में गेहूं की पराली जलाई जा रही है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोग बीमार भी पड़ने लगे हैं।
जनपद में अलग-अलग स्थानों पर किसान गेहूं की पराली जला रहे हैं। विभिन्न मार्गों पर निकलते समय खेतों में जलती हुई पराली नजर आती है और इससे उठने वाला धुआं वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। कृषि विभाग के लोगों का कहना है कि पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है। वातावरण भी प्रदूषित होता है। इसलिए किसानों को जागरुक किया जाता है लेकिन किसान फिर भी नहीं मान रहे हैं। धान की पराली भी जलाई जाती है और अब किसान गेहूं के खेतों में जगह-जगह पड़े भूसे के रूप में पराली जला रहे हैं, इससे खेतों से जुड़े मित्र कीट भी जलकर नष्ट हो रहे हैं। जागरुक किसान मंतोष कुमार, रवि, अखिलेश, सतेंद्र का कहना है कि खेतों में जल रही इस पराली से किसानों का ही सर्वाधिक नुकसान है लेकिन फिर भी वे मान नहीं रहे हैं।
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