मेरठ : 32 लाख पेंशनरों को अब कोई दिक्कत नहीं : महानियंत्रक
Meerut News - रक्षा लेखा महानियंत्रक डॉ. मयंक शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 32 लाख पेंशनरों के लिए एक नई व्यवस्था की है। अब यदि कोई पेंशनर कार्यालय नहीं आ सकता, तो सीडीए अधिकारी उनके घर जाकर समस्याओं का समाधान...

रक्षा लेखा महानियंत्रक डॉ. मयंक शर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने अब ऐसी व्यवस्था कर दी है कि 32 लाख पेंशनरों को कोई दिक्कत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अब ऐसी व्यवस्था कर दी गई है कि यदि कोई पेंशनर कार्यालय नहीं आ सकता तो सीडीए कार्यालय के अधिकारी उनके पास जाकर पेंशन संबंधी समस्या का निस्तारण करेंगे। महानियंत्रक ने बताया कि स्पर्श योजना देश के लाखों पेंशनरों के लिए एक बेहतर सुविधा है। रक्षा लेखा महानियंत्रक मयंक शर्मा बुधवार को एकदिवसीय दौरे पर मेरठ आए। सीडीए कार्यालय में रक्षा लेखा नियंत्रक तरुण कुमार जाजोरिया और अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया।
उसके बाद उन्होंने नवनिर्मित समन्वय सभागार और पालना घर का उद्घाटन किया। इस दौरान नये समन्वय सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग से आगरा, बरेली और रानीखेत के सीडीए अधिकारियों के साथ समीक्षा की। यह तीनों कार्यालय भी मेरठ से ही लिंक हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश की रक्षा और सैन्य सेवाओं को व्यवस्थित करने में सीडीए की महत्वपूर्ण भूमिका है। करीब सात लाख करोड़ के देश के रक्षा बजट को सीडीए की ओर नियंत्रित, व्यवस्थित किया जाता है। वहीं 32 लाख पेंशनरों को भी 40 हजार बैंकों की शाखाओं के माध्यम से व्यवस्थित करने का काम सीडीए करता है। देश की सीमा पर तैनात सेना की जरुरतों को सीडीए पूरा करता है। अब एक भी पेंशनर को दिक्कत न हो, इसके लिए सीडीए अधिकारी उनके घर जाकर उनकी समस्या का निस्तारण करते हैं। मेक इन इंडिया-संपूर्णा पर चल रहा काम रक्षा लेखा महानियंत्रक ने बताया कि अब सीडीए के काम को शत-प्रतिशत पेपरलेस और मेक इन इंडिया के तहत एक नई व्यवस्था ‘संपूर्णा पर काम चल रहा है। एक-दो साल में इस प्रोजेक्ट के तहत रक्षा व्यय को पेपरलेस और बेहतर ढंग से सुव्यवस्थित कर दिया जाएगा। सेना की जरुरतों का परीक्षण कर उपलब्ध कराना भी इस प्रोजेक्ट में शामिल रहेगा। मेरठ से आगरा, बरेली, रानीखेत हुआ लिंक मेरठ सीडीए कार्यालय में नवनिर्मित समन्वय सभागार के उद्घाटन के साथ ही अब आगरा, बरेली, रानीखेत दफ्तर भी लिंक हो गया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से रक्षा लेखा महानियंत्रक ने इसका शुभारंभ किया। बच्चों को रखने की मिलेगी सुविधा सीडीए कार्यालय में अब कर्मचारी अपने साथ छोटे बच्चों को भी ला सकेंगे। बच्चों के लिए विशेष तौर पर ‘पालना घर का निर्माण किया गया है। वहां छोटे-छोटे बच्चों को रखने, खेलने आदि की व्यवस्था की गई है। ऑपरेशन सिंदूर में भी सीडीए की महत्वपूर्ण भूमिका रक्षा लेखा महानियंत्रक ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भी सीडीए की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपरेशन सिंदूर मुख्यत: सेना की ओर से किया गया ऑपरेशन है।
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