मेरठ : वारंट देने 39 बार गया दरोगा, एक भी तामील नहीं
Meerut News - बुलंदशहर के दरोगा देशपाल सिंह और बागपत के दरोगा हरिजेश कुमार पर जांच शुरू की गई है। दरोगा देशपाल ने 94 दिनों में से 39 दिन थाने से बाहर रहकर एक भी वारंट तामील नहीं कराया। डीआईजी ने सभी पुलिसकर्मियों...

मेरठ, प्रमुख संवाददाता डीआईजी ने वारंट तामील के नाम पर दूसरे जनपद और दूसरे राज्य में जाकर ‘पिकनिक मनाने वाले बुलंदशहर कोतवाली देहात के दरोगा और उसे संरक्षण देने वाले इंस्पेक्टर की जांच खोल दी है। दरोगा के 94 कार्यदिवस की समीक्षा हुई तो खुलासा हुआ दरोगा 39 दिन वारंट तामील कराने के नाम पर अलग-अलग जगह गया और थाने से बाहर रहा। एक भी वारंट तामील नहीं कराया। दूसरी ओर, बड़ौत कोतवाली में तैनात दरोगा का भी ऐसा ही हाल रहा। उस पर भी जांच बैठाई गई है।
बुलंदशहर के इंस्पेक्टर, दरोगा पर शिकंजा
बुलंदशहर कोतवाली देहात में तैनात दरोगा देशपाल सिंह को सरकारी काम से दूसरे राज्य जाने की अनुमति दी गई। डीआईजी कलानिधि नैथानी की ओर से गोपनीय जांच कराई गई तो पता चला देशपाल 14 अक्टूबर 2024 से 13 जनवरी 2025 के बीच 94 दिनों में से 39 दिन थाने से बाहर रहा। देशपाल सिंह वारंट तामील कराने का हवाला देकर थाने से बाहर गया था। जांच में खुलासा हुआ इन 39 दिवस के भीतर वारंट तामील कराने का आंकड़ा शून्य था। 39 दिन में दरोगा ने एक भी वारंट तामील नहीं कराया। यह भी खुलासा हुआ ज्यादातर वारंट तामील कराने के मामले में इंस्पेक्टर कोतवाली देहात ने दरोगा देशपाल सिंह को थाने से बाहर भेजा था। दरोगा देशपाल सिंह के खिलाफ कार्य में लापरवाही को लेकर जांच खोली गई है। इंस्पेक्टर कोतवाली देहात की पूरे प्रकरण में भूमिका को लेकर जांच खोली गई है।
बागपत का दरोगा भी फंसा
बागपत के थाना बड़ौत पर तैनात दरोगा हरिजेश कुमार भी कार्यालय से कई बार अनुमति लेकर वारंट तामील कराने और अन्य कार्रवाई का हवाला देकर बाहर गया। हालांकि उनके द्वारा संबंधित मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई। जांच कराई तो खुलासा हुआ दरोगा हरिजेश ने संबंधित सरकारी कार्य पूरे नहीं किए। डीआईजी ने हरिजेश की भी जांच खोल दी है।
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जिले पर अधिकारी करेंगे समीक्षा, लोकेशन भी लेंगे
डीआईजी ने आदेश दिया है वारंट तामील कराने, दबिश देने या अन्य कार्रवाई के लिए थानाक्षेत्र, जिले और राज्य से बाहर जाने वाले पुलिसकर्मियों के काम की समीक्षा की जाएगी। लोकेशन ली जाएगी। लापरवाही मिलती है तो कार्रवाई की संस्तुति की जाए और रिपोर्ट भेजी जाए।
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कहना इनका...
सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को आदेश दिया है विभागीय काम के नाम पर अनुमति लेकर थानाक्षेत्र या जिले से बाहर जाने वाले पुलिसकर्मियों के काम का सत्यापन कराया जाए। एक ही पुलिसकर्मी को बाहर भेजा जा रहा है तो इसकी समीक्षा होगी। सरकारी कामकाज के नाम पर बाहर जाने वालों और कार्रवाई शून्य दिखाने वालों पर एक्शन होगा - कलानिधि नैथानी, डीआईजी मेरठ रेंज।
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