Critical ICU Bed Shortage at Mayaganj Hospital in Bhagalpur Amid High Patient Influx 17 बेड का आईसीयू बंद, सात दिनों में 23 मरीजों ने पकड़ी निजी अस्पताल की राह, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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17 बेड का आईसीयू बंद, सात दिनों में 23 मरीजों ने पकड़ी निजी अस्पताल की राह

बिना एनेस्थेटिक चल रहा मायागंज अस्पताल का आईसीयू आईसीयू में 29 स्टाफ, नौ से दस

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 24 April 2025 05:55 AM
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17 बेड का आईसीयू बंद, सात दिनों में 23 मरीजों ने पकड़ी निजी अस्पताल की राह

भागलपुर, वरीय संवाददाता जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में झारखंड के तीन समेत 16 जिलों के मरीज उच्चस्तरीय इलाज के लिए बड़ी उम्मीदों के साथ आते हैं। एक तरफ जहां हर रोज दो से तीन मरीज आईसीयू में बेड न मिलने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए चले जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल के 17 बेड को बंद रखा गया है। बीते 16 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में कुल 463 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए। इनमें से 59 मरीज की हालत गंभीर होने के लिए डॉक्टरों ने आईसीयू में भर्ती होने की सलाह दी। इनमें से 23 मरीजों को आईसीयू में बेड नहीं मिला तो परिजन उन्हें लेकर निजी अस्पताल चले गये।

अभी मायागंज अस्पताल की जनरल आईसीयू में कुल 21 बेड वयस्कों के लिए संचालित हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ आठ बेड की आईसीयू (पीडियाट्रिक आईसीयू यानी पीकू) का संचालन किया जा रहा है। इस आईसीयू के संचालन के लिए एनेस्थेटिक के नाम पर महज एक ही चिकित्सक डॉ. महेश कुमार हैं, जो कि आईसीयू के प्रभारी होने के साथ-साथ ऑक्सीजन प्लांट व सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नोडल प्रभारी भी हैं। जनरल आईसीयू व आठ बेड के पीकू में अन्य कोई एनेस्थेटिक नहीं है तो यहां पर भर्ती मरीजों के लिए इलाज से लेकर जीवन रक्षक उपकरणों के संचालन के लिए मेडिसिन विभाग के पीजी व जूनियर रेजीडेंट की तैनाती है। इस आईसीयू में कुल 29 स्टाफ हैं। इनमें से नौ से 10 स्टाफ हमेशा छुट्टी पर तो दो से तीन स्टाफ मरीज के दवा आदि के लिए दौड़ता रहता है। बाकी बचे 16 से 17 स्टाफ के भरोसे आईसीयू का संचालन हो रहा है।

17 बेड की आईसीयू का दरवाजा विशेष मौके पर ही खुलता है

17 बेड की आईसीयू साल 2018 से ही तैयार है। लेकिन इस आईसीयू को आज तक जरूरी संसाधन व डॉक्टर ही नहीं मिल पाया तो इसे मजबूरन बंद करना पड़ रहा है। इस आईसीयू के दरवाजे तब खुले थे, जब सामान्य आईसीयू की मरम्मत हो रही थी। सामान्य आईसीयू शुरू हुआ तो इसे फिर बंद कर दिया गया। आईसीयू के इंचार्ज डॉ. महेश कुमार बताते हैं कि 17 बेड की आईसीयू को नियमित रूप से चलाने के लिए डॉक्टर व मानव संसाधनों की तैनाती के लिए कई बार अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखा गया। लेकिन अब तक ये मांग पूरी न होने के कारण मजबूरी में बंद करना पड़ रहा है। अब चार मई से शुरू हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स को लेकर इस 17 बेड की आईसीयू को रिजर्व कर दिया गया है। लेकिन समस्या ये कि अगर कोई खिलाड़ी यहां भर्ती हुआ तो फिर ये आईसीयू चलेगी कैसे।

एनेस्थीसिया विभाग: जरूरत 48 की, उपलब्ध महज 10 निश्चेतक

आईसीयू के बेहतर संचालन की बड़ी बाधा बेहोशी के डॉक्टरों की है। मायागंज अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग में कुल 48 निश्चेतक यानी बेहोशी के डॉक्टर की जरूरत है, लेकिन उपलब्ध महज 10 ही निश्चेतक हैं। विभाग में तीन प्रोफेसर, छह एसोसिएट प्रोफेसर, 14 सहायक प्रोफेसर व 25 सीनियर रेजीडेंट की जरूरत है। लेकिन उपलब्ध महज दो एसोसिएट प्रोफेसर, चार असिस्टेंट प्रोफेसर व चार सीनियर रेजीडेंट हैं। इसके अलावा सहायता के लिए एक जूनियर रेजीडेंट की तैनाती हाल में हुई है।

ऑपरेशन की राह हुई मुश्किल, 14 ऑपरेशन थिएटर के लिए महज नौ निश्चेतक

मायागंज अस्पताल में आज की तारीख में कुल 14 ऑपरेशन थिएटर संचालित हो रहे हैं। इनमें से तीन ऑपरेशन थिएटर इमरजेंसी, दो प्रसव रोग विभाग, एक स्त्री रोग विभाग, एक इंफेक्शन ओटी, दो हड्डी रोग विभाग, दो सर्जरी विभाग तो एक-एक ईएनटी, नेत्र रोग व न्यूरो सर्जरी में ऑपरेशन थिएटर का संचालन हो रहा है। इन ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन के लिए महज नौ ही एनेस्थेटिक हैं। वह भी तब जब एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष सर्जरी में निश्चेतक की भूमिका निभायें तब। एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार सिंह कहते हैं कि इमरजेंसी में एक-एक निश्चेतक की हर शिफ्ट में रोजाना तैनाती रहती है। इसके अलावा जरूरत के हिसाब से एनेस्थेटिक की तैनाती की जाती है।

कोट

17 बेड की आईसीयू को शुरू करने के लिए मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, आईसीयू इंचार्ज, एनेस्थीसिया हेड के साथ जल्द ही बैठक की जाएगी। जरूरी चिकित्सक, नर्स व अन्य स्टाफ की कमी को पूरी की जाएगी, ताकि इस आईसीयू को शुरू कराया जा सके।

: डॉ. हेमशंकर शर्मा, अधीक्षक, मायागंज अस्पताल भागलपुर

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