Severe Thunderstorm Causes Widespread Power Outages and Water Shortages in Meerut बोले मेरठ : नहीं देखी ऐसी आंधी, बिजली-पानी को तरस गए, Meerut Hindi News - Hindustan
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बोले मेरठ : नहीं देखी ऐसी आंधी, बिजली-पानी को तरस गए

Meerut News - मेरठ में बुधवार शाम को आए आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। शहर में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई, जिससे लोग परेशान रहे। कई क्षेत्रों में 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली नहीं आई, जबकि पेड़ और बिजली के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठFri, 23 May 2025 11:12 AM
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बोले मेरठ : नहीं देखी ऐसी आंधी, बिजली-पानी को तरस गए

मेरठ। बुधवार शाम को आए आंधी-तूफान ने ऐसी तबाही मचाई कि तमाम सड़कों पर पेड़ और यूनीपोल धराशायी हो गए। जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। शहर से देहात तक बत्ती गुल हो गई और बिजली लाइन, खंभे-ट्रांसफार्मरों को काफी नुकसान पहुंचा। रातभर शहर के तमाम इलाके और लगभग पूरा देहात क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा। कई जगह 24 घंटे तक आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो लोग पानी तक के लिए तरस गए। कई इलाकों में रातभर बिजली नहीं आने के कारण घरों में रखे इन्वर्टर भी जवाब दे गए। सुबह हुई तो घरों में ना तो नहाने के लिए पानी था और ना ही खाना बनाने के लिए।

दिनभर लोग परेशान रहे। शाम को शहर के तमाम बिजलीघरों पर लोग एकत्र होने लगे और कुछ जगह हंगामा भी हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिजली विभाग अभी तक ऐसा सिस्टम तैयार नहीं कर पाया है जो ऐसी स्थिति में भी सुचारु बिजली आपूर्ति दे सके। आंधी तूफान से गुल हुई शहर की बिजली आपूर्ति को सामान्य होने में 12 से 24 घंटे का समय लग गया। बिजली न होने से नगर निगम के नलकूप ठप पड़े रहे। लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच सका। लोग बिना बिजली गर्मी से बिलबिलाते रहे। लोग बिजलीघरों से लेकर बिजली अधिकारियों को फोन कर बिजली आपूर्ति के बारे में जानकारी करते रहे। हालांकि रात में ही पीवीवीएनएल का लाइन स्टाफ और क्विक रेस्पांस टीम ने काम करना शुरू कर दिया लेकिन आंधी-तूफान से इस कदर हालात बिगड़ चुके थे कि इसे ठीक कर पाना बड़ी चुनौती बन गया। लाइनों पर टूटकर गिरे पेड़, टहनियों और होर्डिंग आदि को हटाकर लाइन दुरुस्त करने में 12 से 24 घंटे का समय लग गया। शहरी क्षेत्र में 150 से ज्यादा पोल क्षतिग्रस्त हुए। शहर के 40 फीसदी बिजलीघर गुरुवार सुबह 8 बजे तक चालू कर दिए गए थे, लेकिन 60 फीसदी बिजलीघरों और उनके फीडरों का सामान्य करने के लिए विभाग को पसीना आ गया। गुरुवार रात 8 बजे तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह सामान्य हो सकी। हालांकि इस दौरान लो वोल्टेज की समस्या के साथ बिजली की आवाजाही बनी रही। 50 साल पुराना पेड़ भी हुआ धराशायी आंधी तूफान के चलते परतापुर, ब्रह्मपुरी और टीपीनगर में दर्जनों बिजली के खंभे और कई जगह बिजली लाइन टूट गई। कई इलाके ऐसे रहे जहां 24 घंटे बाद भी बिजली आपूर्ति सुचारु नहीं हो सकी। परतापुर बाईपास, दिल्ली रोड सहित मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के किनारे लगे एक दर्जन से अधिक यूनिपोल टूटकर गिर गए। शताब्दीनगर तृतीय इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली के 20 खंभे टूट गए। आंधी तूफान में लोग घरों में थे, नहीं तो बड़े हादसे को टाला नहीं जा सकता था। परतापुर रेलवे स्टेशन के पास खड़ा 50 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ टूटकर सड़क आ गिरा। इससे रेलवे स्टेशन मार्ग बंद हो गया। स्थानीय लोगों ने पेड़ को सड़क से हटाकर किनारे किया। उद्योगपुरम बिजलीघर के अधिशासी अभियंता राकेश सोनी ने बताया कि बिजली के खंभों और टूटे तारों को ठीक करने का काम जारी है, जल्द की बिजली व्यवस्था सुचारू हो जाएगी। शहर के तमाम इलाकों में 24 घंटे नहीं आया पानी आंधी-तूफान ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। आंधी और बारिश के बाद सड़कों पर तबाही का मंजर नजर आने लगा। प्राकृतिक कहर ने पेड़ों और यूनीपोल को ही नहीं गिराया, बल्कि इंसानी जिंदगी की रफ्तार थाम दी। घंटों गुल रही बिजली और पानी की किल्लत को लेकर हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने उन इलाकों के लोगों से संवाद कर उनकी परेशानी को जानने का प्रयास किया, जिन्होंने सारी रात अंधेर में काटी। गढ़ रोड राजीवपुरम कॉलोनी में हाथों में पानी की बाल्टी लिए खड़े लोगों में शामिल दीपा, रेखा देवी, रीतू शर्मा, रेखा शर्मा, काजल, हरी सिंह, रविंद्र शर्मा, ज्ञानपाल सिंह और करण सिंह ने कहा कि आंधी से पहले शाम सात बजे बिजली चली गई थी, इसके बाद से पूरे इलाके में बिजली नहीं आई। 20 घंटे से ज्यादा हो गए, घरों में पीने का पानी तक नहीं बचा है। यहां 22 से 24 घंटे बाद मिली बिजली शताब्दीनगर, पल्लवपुरम फेस वन, पल्लवपुरम फेस टू, गंगानगर टू, शास्त्रीनगर सी व एल-ब्लॉक, फाजलपुर, टीपीनगर बनवारी वाटिका, परतापुर, लिसाड़ी गेट, पुराना आरटीओ, बेगमपुल, सदर, टाउन हाल, रेलवे रोड, पीएल शर्मा, अम्हैडा, ललसाना, अमन विहार आदि बिजलीघर क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को 22 से 24 घंटे तक बिना बिजली के रहना पड़ा। क्षेत्र के लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल सका। बिना बिजली और पानी के क्षेत्र में हाहाकार मचा रहा। यहां 15 से 17 घंटे तक गुल रही बिजली सेंटलुक्स, सिविल लाइन, सूरजकुंड, हापुड़ रोड, विकासपुरी, रोहटा रोड, खड़ौली, लिसाड़ी रोड बिजलीघर क्षेत्र में 15 से 17 घंटे तक बिजली नहीं रही। अधिकारियों का दावा है कि लाइन स्टाफ ने 40 फीसदी बिजलीघरों को 6 से 12 घंटे के अंदर चालू कर दिया था और बाकी 60 फीसदी बिजलीघर और उनके फीडरों को सामान्य करने में 12 से 24 घंटे का समय लग गया। कहना इनका... आंधी-बारिश में पीवीवीएनएल की विद्युत व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। दिन-रात एक कर लाइन स्टाफ ने जमींदोज हुई बिजली आपूर्ति को सुचारू कर दिया है। डिस्कॉम सभी उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए उपभोक्ताओं से अपील है कि धैर्य बनाए रखें एवं विद्युत आपूर्ति सामान्य करने में विभाग को अपना सहयोग प्रदान करें। विद्युत आपूर्ति में व्यवधान से संबंधित जानकारी निकटतम बिजली कार्यालय के साथ विद्युत हेल्पलाइन नंबर 1912 पर दर्ज कराएं - ईशा दुहन, एमडी, पीवीवीएनएल रात से दोपहर बाद तक नहीं आई बिजली राजपाल सिंह, राम बाबू श्रीवास्तव, कलावती का कहना है कि रातभर तो बिजली नहीं आई, इसके बाद सुबह पानी भी खत्म हो गया। टंकियों में भी पानी नहीं बचा, मोटर चल नहीं सके, क्योंकि बिजली नहीं थी। ऐसे में पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। लोग एक-दूसरे के घरों में पानी के बारे में पूछ रहे थे। हालात ये हो गए लोग नहा भी नहीं पा रहे। रसोई तक में पानी खत्म हो गया, खाना बनाने के लिए पानी की किल्लत हो गई। रात गई, सुबह हुई और अब दोपहर बाद भी बिजली नहीं आई, ऐसे में लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल क्षेत्र में मोती प्रयाग कॉलोनी के लोग बिजली की समस्या को लेकर सड़कों पर आ गए। उनका कहना था कि रातभर बिजली नहीं आई, इसके बाद पूरा दिन निकल गया, ऐसे में लोगों के घरों में पीने तक का पानी नहीं है। ------------------------------ लोगों की व्यथा आंधी तूफान में पेड़ दुकानों की टीन शेड पर गिर गया। आंधी बारिश में सड़क पर दिखना भी बंद हो गया। आज तक इतना भयंकर तूफान नहीं देखा। आंधी के बाद बिजली चली गई और देर रात इन्वर्टर भी ठप हो गया। - मूलचंद उपाध्याय, डी-ब्लॉक गंगानगर आंधी के बाद यूकेलिप्टिस का विशालकाय पेड़ अपनी जगह से खिसक गया। वह कभी भी मकान और दुकानों पर गिर सकता है, इसकी शिकायत वन विभाग से करेंगे। आंधी के बाद बिजली आपूर्ति ठप रही। - अतुल भार्गव, कसेरू बक्सर आंधी के बाद गंगानगर बी-ब्लॉक में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। गुरुवार सुबह 9 बजे बिजली आई। राजेंद्रपुरम कॉलोनी में हमारा इलेक्ट्रॉनिक शोरूम है, जहां गुरुवार देर शाम तक बिजली नहीं आई। - आशीष मलिक, गंगानगर बी ब्लॉक आंधी के बाद से कोजी कॉलोनी और राजेंद्रपुरम कॉलोनी में लाइट चली गई। गुरुवार को भी देर शाम तक बिजली नहीं आई। घर में पानी और बिजली की किल्लत से लोग बिलबिलाते रहे। - अमित भारद्वाज, कोजी कॉलोनी आंधी के बाद रातभर बिजली गुल रही, इसके बाद दिन में भी बिजली नहीं आई, लोगों के घरों के इंन्वर्टर तक ठप हो गए। हालात ये रहे कि लोगों को गर्मी में रात गुजारनी पड़ी - हिमांशु चौधरी, सनराई एनक्लेव 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया, बिजली नहीं आई, लोग इतने परेशान हो गए कि बार-बार बिजली वालों को फोन कर जानकारी ले रहे थे। - प्रिंस चौधरी, पल्लवपुरम आंधी-तूफान के बाद बिजली आने का नाम नहीं है, कई बार बिजलीघर पर शिकायत की गई, इसके बाद भी बिजली नहीं आ रही है। - वरुण शर्मा, अक्षरधाम कॉलोनी हालात ये हैं कि लोगों के घरों में पीने के लिए पानी तक नहीं बचा, इंवर्टर पूरी तरह ठप हो गए, लोग इंतजार करते रहे, कब बिजली आएगी। - प्रदीप, बागपत रोड ऐसा आंधी तूफान बहुत साल पहले आया था, तब भी हालात बहुत खराब हो गए थे, अब भी वही हाल हुआ, 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया। - नीरज, बागपत रोड घरों में ना नहाने के लिए पानी है और ना ही पीने के लिए, रसोई में भी पानी खत्म हो गया, अब ऐसे में बाहर से लोग पानी मंगा रहे हैं। - सुशील कुमार, बागपत रोड आंधी तूफान से पूरे शहर की बिजली गुल हो गई, घंटों बाद भी बिजली नहीं आई, ऐसे में लोगों के घरों में पानी की बहुत अधिक किल्लत रही। - मोहित कुमार, सदर क्षेत्र बिजली जाने के बाद हालात ये हो गए कि लोग छतों पर जाकर सोए, पूरी रात लोगों को रतजगा करके गुजारनी पड़ी, लोग पूरे दिन परेशान रहे। - अनुभव गोयल, सदर बिजली गुल होने के बाद हम सोचते रहे कि अभी बिजली आ जाएगी, कई घंटे बाद भी बिजली नहीं आई, ऐसे में परिवार के लोग रातभर परेशान रहे। - राजेश गौड़ शाम सात बजे बिजली चली गई थी, दोपहर बाद भी बिजली नहीं आई, घरों में पीने तक के लिए पानी नहीं है, पहले ही यहां पानी की किल्लत है। - करण सिंह, राजीवपुरम रातभर बिजली नहीं आई, इसके बाद दिन में भी बिजली नहीं आई, पूरी कॉलोनी के लोग रातभर जागते रहे, पानी की वजह से ज्यादा दिक्कत है। - रविंद्र शर्मा, गढ़ रोड बिजली को गए 24 घंटे से ज्यादा हो गए, लोग बिजली पानी की किल्लत से परेशान हैं, लोगों की रसोई में भी पानी नहीं बचा है। - गौरव गौतम, जागृति विहार हालात ये हैं कि रातभर बिजली नहीं आई, इसके बाद दिन में भी बिजली नहीं रही, ऐसे में ना पीने का पानी बचा और ना ही नहाने के लिए। - राधा त्यागी, कंकरखेड़ा आंधी तूफान ने पूरे शहर की बिजली उड़ा दी, पूरी रात बिजली गुल रही अब दिन में भी बिजली नहीं आने से पानी भी नहीं है। - संगीता शर्मा, कंकरखेड़ा आंधी शुरू होते ही बिजली चली गई थी, इसके बाद अभी तक बिजली नहीं आई, 24 घंटे से ज्यादा हो गए, लोग पानी-बिजली के लिए तरस गए। - विपिन चौधरी, परतापुर बिजली गुल होने के बाद लोगों के घरों में पीने का पानी नहीं बचा, यह एरिया फैक्ट्रियों का है, बिना बिजली पानी के तो यहां काम ही नहीं चलता। - एसपी मिश्रा, शताब्दीनगर बिजली पानी के बिना हालात ये हो गए हैं कि खाना बनाने के लिए लोगों को बाहर से पानी मंगाना पड़ा, बिजली आई नहीं तो पानी भी नहीं रहा। - विक्की सिरोही, परतापुर आंधी तूफान के बाद पूरे इलाके में बिजली की भारी किल्लत रही, लोगों ने पहले तो पूरी रात गर्मी में गुजारी अब पूरा दिन भी गर्मी में गुजारा है। - सौरभ राणा, परतापुर क्या करें - जैसे ही तूफ़ान या आंधी की चेतावनी मिले, तुरंत किसी मजबूत और सुरक्षित इमारत में शरण लें। - हवा और धूल को अंदर आने से रोकने के लिए सभी खिड़कियाँ और दरवाज़े अच्छी तरह बंद कर दें। - बिजली कड़कने की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और बिजली के खंभों से दूर रहें - तूफ़ान में पेड़ गिर सकते हैं और कांच टूट सकते हैं, इनसे दूर रहें। - तूफ़ान से पहले पीने का पानी, खाना, टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि तैयार रखें - खुले मैदान में हों और कहीं शरण न मिले तो जमीन पर नीचे बैठ जाएं, लेकिन लेटें नहीं --- क्या न करें - आंधी या तूफ़ान के दौरान बाहर जाना जानलेवा हो सकता है - पेड़ों और बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों तूफान में गिर सकते हैं - तूफ़ान के समय फोन या लैपटॉप चार्जिंग पर लगाना खतरे से खाली नहीं है - आंधी-तूफ़ान के दौरान गाड़ी चलाना खतरनाक हो सकता है - खुली छतों या ऊँची जगहों पर न जाएं, गिरने का खतरा होता है।

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