पान की खेती पर मौसम कहर बनकर टूट रहा
Mohoba News - तेज धूप से पान की बेल हो रही कमजोर आंधी से पान बरेजों को हो रहा नुकसान

महोबा, संवाददाता। मौसम पान किसानों पर कहर बनकर टूट रहा है। तपन से जहां पान की बेल कमजोर पड़ रही है तो बार-बार आंधी और तेल हवाओं से पान के बरेजा क्षतिग्रस्त हो रहे है। पान किसान आंधी से क्षतिग्रस्त हो रहे पान बरेजों को संवारनें में जुटे हुए है। वीर भूमि का देशावरी पान अपने लचीरेपन और स्वाद के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। सरकार ने पान को जीआई टैग दिया है। जीआई टैग मिलने के बाद पान की खेती का रकवा बढ़ रहा है। मगर पिछले दिनों तेज आंधी से पान बरेजा तहस-नहस हो रहे है। पिछले दो दिनों से पान किसान क्षतिग्रस्त बरेजों को संवारनें में लगे है।
पान किसान प्रेम चौरसिया का कहना है कि पिछले तीन दिन से तेज आंधी पान बरेजों को नुकसान पहुंचा रही है। धूप में पान की बेल कमजोर पड़ रही है। जिसे बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। पान किसानों का कहना है कि एक बरेजा को तैयार करने में बांस बल्ली आदि में लगभग दो लाख का खर्च आता है। पान बरेजों में काफी नुकसान हुआ है। पान किसान रमाशंकर, मोहन, दयाशंकर, बल्लू चौरसिया आदि ने बताया कि तेज आंधी से पान बरेजों में नुकसान हुआ है। पान किसानों ने सर्वे करा नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग उठाई है। पान किसान रमाशंकर चौरसिया ने कहा कि सरकार ने देशावरी पान को जीआई टैग देकर राहत देने का काम किया है। बताया कि पहले पान की खेती का दायरा बढ़कर 550 एकड़ तक पहुंच गया था मगर बाद में पान की खेती से किसानों का मोहभंग हो गया।अब जीआई टैग मिलने के बाद एक बार फिर पान का दायरा बढ़ रहा है। कहा कि जीआई टैग मिलने के बाद किसानों का बाजार सहित अन्य सुविधाएं मिले तो किसानों को राहत मिल सके। वीर भूमि में पान की खेती चंदेल काल से पहले से हो रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।