भगवान श्री कृष्ण जन्म कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता
कुंडहित,प्रतिनिधि।प्रखंड के पालाजोड़ी पंचायत अंतर्गत भांगाहिड़ गांव स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान गुरुवार

भगवान श्री कृष्ण जन्म कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता कुंडहित,प्रतिनिधि। प्रखंड के पालाजोड़ी पंचायत अंतर्गत भांगाहिड़ गांव स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में चल रहे तीन दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दौरान गुरुवार की रात वृंदावन के कथावाचक दानीनाथ के द्वारा भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग का मधुर वर्णन किया। उन्होने कहा कि दुख में हर इंसान ईश्वर को याद करता है। लेकिन सुख के समय भूल जाते हैं, अगर सुख में भी ईश्वर को याद करो तो दुःख कभी आएगा ही नहीं। कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म हुआ भक्तों के उद्धार और दुष्टों के संहार के लिए हुआ था।
जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान अवतार लेते हैं एवं दुष्टों का नाश करते हुए धर्म का रक्षा करते है। उन्होने कहा श्रीकृष्ण ने गीता में यह वचन स्वयं कहा है। कृष्ण शब्द का अर्थ है कि जो आकर्षित करने की शक्ति रखता है, जिसके भीतर चेतनता पूरे शिखर पर होती है। ऐसे ही संसार का कल्याण करने को, जीवों का उद्धार करने को, जीवों को सन्मार्ग पर लाने को, खुद भगवान अपने ही रूप को एक जगह एक विशेष रूप में समाहित कर लेते हैं। उनके इस प्रकटीकरण को अवतार कहा जाता है। वहीं भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा के दरम्यान श्रद्धालु जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी की धुन में नृत्य के साथ झुमते रहे। फोटो कुंडहित 02: गुरुवार की रात भांगाहिड़ गांव स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में भागवत कथा सुनाते कथावाचक दानीनाथ।
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