पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वालों की टांगें तोड़ दी जाएंगी: हिमंता बिस्वा सरमा
सीएम सरमा ने कहा, ‘मैंने पुलिस को निर्देश दिया कि आप पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों के चेहरे न देखें, उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार करें और उनकी टांगें तोड़ दें। हमें अपने असम और भारत को मजबूत करना है।’

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वालों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएंगे, तो उनकी टांगें तोड़ दी जाएंगी। सीएम सरमा ने लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना को शक्ति देने के लिए प्रार्थना करने की अपील की, ताकि दुनिया में कहीं भी छिपे पाकिस्तानी आतंकवादियों को सफाया किया जा सके।
हिमंता सरमा ने चेतावनी दी, ‘पाकिस्तानी आतंकवादी आए और उन्होंने निर्दोष लोगों को मार डाला। हममें से कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद कह रहे हैं। हमने उनमें से कई को गिरफ्तार किया है और अगर कोई पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाएगा तो हम उसकी टांगें तोड़ देंगे।’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य और देश को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है जो यहां रहते हैं और यहां खाते हैं, लेकिन पाकिस्तान का गुणगान काते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैंने पुलिस को निर्देश दिया कि आप पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों के चेहरे न देखें, उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार करें और उनकी टांगें तोड़ दें। हमें अपने असम और भारत को मजबूत करना है।’
पहलगाम हमले पर क्या बोले
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद हम दर्द में हैं। हम भगवान से एक ही प्रार्थना करते हैं कि मोदी जी और हमारी सेना को ताकत मिले ताकि हम दुनिया में कहीं से भी पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढूंढ सकें और उन्हें कड़ी सजा दे सकें।’ दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में प्रमुख पर्यटक स्थल बैसरन पर 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। जान गंवाने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय धरती पर पाकिस्तान का बचाव करने के आरोप में असम में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पंचायत चुनाव अभियान के दौरान शर्मा ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस असम में सरकार चला रही थी, तब धुबरी में कोई सुरक्षा नहीं थी और हमारे लोगों को उचित महत्व नहीं दिया गया।