भारत के खौफ से फूले पाकिस्तान के हाथ-पैर, अब 'दोस्त' को समझाने में जुटा चीन
पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान के हाथ-पांव फूल गए हैं। वहीं उसका सदाबहार दोस्त चीन किसी तरह उसकी हिम्मत बंधा रहा है। हालांकि उसने भी खुलकर समर्थन की बात नहीं कही है।

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने जो सख्त रुख अपनाया है, उससे आतंकियों के सरपरस्त पाकिस्तान के हाथ-पैर फूल गए हैं। अब पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त चीन से मदद और हमदर्दी दोनों की उम्मीद लगाए बैठा है। वहीं आतंकवाद के मुद्दे पर दुनियाभर के देशों ने पाकिस्तान से पल्ला झाड़ लिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। चीन भले ही इस मामले में खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में कुछ नहीं बोल पा रहा है लेकिन पर्दे के पीछे से उसे समझाने-बुझाने और ढांढस बंधाने का काम जरूर कर रहा है।
चीनी राजदूत जियांग जैडोंग ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से गुरुवार को मुलाकत की। चीन की मीडिया के मुताबिक चीनी राजदूत ने शहबाज शरीफ से भारत के साथ तनाव को लेकर जानकारी ली और उन्हें हिम्मत बंधाई। शहबाज शरीफ ने उनसे भारत के रुख की जनकारी साझी की। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चीनी राजदूत से चिंता जताई।
चीनी राजदूत ने पाकिस्तान को ढांढस देते हुए कहा कि वह पाकिस्तान की सुरक्षा की चिंता करता है और इस मोर्चे पर समर्थन करता है। चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को आपसी समझदारी से इस मामले की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति के लिए आपसी विवाद को दूर करते है आगे बढ़ने की जरूरत है। कुल मिलाकर चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में वह पाकिस्तान का बहुत साथ देने वाला नहीं है। वह केवल सलाह देने की ही स्थिति में है।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में मासूम पर्यकटों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भारत ने सिंधु जल संधि को भी सस्पेंड करने का ऐलान कर दिया है। इसके आलावा भारत में शॉर्ट वीजा पर रहने वाले पाकिस्तानियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों को न्याय दिलाने का बात कही है। ऐसे में पाकिस्तान बेहद घबराया हुआ है। वहीं अमेरिका भी पाकिस्तान की आलोचना कर चुका है और भारत के साथ खड़ा है। ऐसे में पाकिस्तान का घबराना लाजमी है। पाकिस्तान की आवाम भी आतंकवाद के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहरा रही है।