अंधेरे में बीते तीन घंटे, रातभर जागे थे लोग
Orai News - उरई में 1971 का ब्लैकआउट आज भी बुजुर्गों के दिलों में ताजा है। उस रात 8 से 11 बजे तक पूरा शहर अंधकार में डूबा रहा, जहां दूर-दूर तक कोई रोशनी नहीं थी। हाल की आतंकवादी घटना के बाद, लोग सरकार द्वारा कड़े...

उरई। वर्ष 1971 में जो तीन घंटे ब्लैकआउट में शहर के बुद्धिजीवी बुजुर्ग आज तक नहीं भूले हैं, बुजुर्गों ने बताया उन तीन घंटे में इस कदर अंधेरा छाया था कि दूसरों को दूर हम लोग खुद को भी नहीं देख पा रहे थे। रात 08 से 11 बजे तक जहां देखो वहां अंधेरा छाया था यह कहना था शहर के बुद्धजीवी बुजुर्ग डॉक्टर हरिमोहन पुरवार का। बीते दिनों पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर जनपद के हर व्यक्ति में आक्रोश के साथ-साथ नाराजगी है। अधिकतर लोग सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कड़े कदम का इंतजार कर रहे हैं जैसे-जैसे सरकार का रुख पाकिस्तान के खिलाफ होता जा रहा है वैसे-वैसे सभी की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
सरकार द्वारा बुधवार को पूरे देश में ब्लैकआउट होने की खबर से शहर के बुजुर्गों में 54 साल पहले वर्ष 1971 में हुए ब्लैकआउट की यादें ताजा हो गई जिसमें शहर के बुजुर्ग डॉक्टर हरिमोहन परिवार ने उस दिन की याद को ताजा करते हुए बताया कि उस दिन जैसा अंधेरा उन्होंने आज तक नहीं देखा। आसपास छोड़ो दूर-दूर तक कहीं रोशनी नहीं थी जबकि पूर्व शिक्षक ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि उन दिनों वह उरई में टीचर थे जब शहर में सायरन बजा तो एक बारगी कुछ समझ में नहीं आया या फिर हुआ क्या है जब पूरा शहर ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक घुपाघुप अंधेरा था और फिर रेडियो से उनको देश में ब्लैकआउट होने की खबर मिली। 3 घंटे तक सभी लोग घरों में डरे सहमे बैठे रहे थे कोई भी उसे रात को सोया नहीं था। सिर्फ आसमान में तेज आवाज के साथ जहाज़ों की गूंज ही चारों तरफ थी।
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