काशी एक्सप्रेस में बम की सूचना पर हड़कंप, स्टेशन पर 3 घंटे रोकी ट्रेन; खंगाली गई एक-एक बोगी
सोमवार को किसी ने रेलवे कंट्रोल रूम में कॉल कर कहा कि गोरखपुर से कुर्ला जाने वाली ट्रेन नंबर 15018 काशी एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी के एस-एक से एस-चार तक किसी बोगी में बम रखा है। कंट्रोल ने तत्काल इसकी जानकारी जीआरपी और जंघई स्टेशन अधीक्षक को दी। इस दौरान रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ को सतर्क कर दिया।

गोरखपुर से कुर्ला जाने वाली 15018 काशी एक्सप्रेस में सोमवार को किसी ने बम की फर्जी सूचना देकर सनसनी फैला दी। ट्रेन को जंघई रेलवे स्टेशन पर रोकर बम निरोधक दस्ते के साथ सघन चेकिंग की गई। तीन घंटे तक ट्रेन रुकी रही। इस दौरान कोई भी आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। इसके बाद जांच एजेंसियों के साथ यात्रियों ने भी राहत की सांस ली। जीआरपी सर्विलांस की मदद से फर्जी सूचना देने वाले की तलाश में लगी है।
पुलिस ने बताया कि सोमवार को किसी ने रेलवे कंट्रोल रूम में कॉल कर कहा कि गोरखपुर से कुर्ला जाने वाली ट्रेन नंबर 15018 काशी एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी के एस-एक से एस-चार में, किसी बोगी में बम रखा गया है। कंट्रोल ने तत्काल इसकी जानकारी जीआरपी और जंघई स्टेशन अधीक्षक को दी। इस दौरान रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ को सतर्क कर दिया। ट्रेन पहले से विलंबित थी। दोपहर सवा एक बजे की जगह तीन बजकर तीन मिनट पर जंघई रेलवे स्टेशन पहुंची।
आरपीएफ इंस्पेक्टर आलोक तिवारी, एसआई नागेंद्र सिंह, जीआरपी प्रभारी अरुण कुमार मिश्र तथा थानाध्यक्ष मीरगंज विनोद अंचल अपनी टीम के साथ पहुंचे। प्रयागराज से बम विरोधक दस्ता भी पहुंच गया। ट्रेन में गहन तलाशी ली गई। एक-एक बोगी की जांच हुई और यात्रियों का सामान भी चेक किया गया। हालांकि ट्रेन की जांच में कोई भी आपत्तिजनक बात सामने नहीं आई। तीन घंटे बाद छह बजे ट्रेन रवाना कर दी गई। एसपी जीआरपी प्रशांत वर्मा ने कहा कि फर्जी सूचना दी गई थी। अफवाह फैलाने वाले को ट्रेस किया जा रहा है। विधिक कार्रवाई की जाएगी।
बरेली में ट्रैक पर पत्थर रख ट्रेन पलटाने की साजिश
बरेली। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर में ट्रेन पलटाने के प्रयास की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। रविवार देर रात भोजीपुरा-दोहना स्टेशन के बीच यार्ड में (05307) टनकपुर-बरेली स्पेशल ट्रेन को पलटाने की भी साजिश रची गई। लोको पायलट ने इंजन के नीचे कुछ फंसने की आशंका पर ट्रेन रोक दी। जांच में ट्रैक की क्रॉसिंग लाइन (कैंची) में पत्थर भरे दिखे। साथ ही, लोहे की एक मोटी पत्ती उसके ऊपर मोड़ दी गई थी, जो इंजन में फंसी थी।