इको सेंसिटिव जोन तय करने से पहले मांगी उत्तराखंड़ से रिपोर्ट
Pilibhit News - जिला प्रशासन की मध्यस्थता में ईको सेंसिटिव जोन का दायरा तय करने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तराखंड से रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ईको सेंसिटिव जोन का औपचारिक रूप से दायरा तय किया...

जिला प्रशासन की मध्यस्थता में रिजार्ट मालिकों व वन क्षेत्र के नियमों के बीच फंसे ईको सेंसिटिव जोन का दायरा तय करने में अब वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तराखंड से रिपोर्ट मांगी है। ताकि जिला स्तर से इसकी बिंदुवार रिपोर्ट बना कर मंत्रालय को भेजी जा सके। इसके बाद ही औपचारिक रूप से ईको सेंसिटिव जोन का दायरा तय हो सकेगा। इको सेंसिटिव जोन को लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का उल्लेख करते हुए जिला प्रशासन को एक रिपोर्ट दी गई थी। इसमें कहा गया था कि मानकों के अंतर्गत अब इको सेंसिटिव जोन तय किया जाएगा। इसी क्रम में जंगल के आसपास बन रहे रिजार्ट और होम स्टे के निर्माण आदि के काम पर असर पड़ा था। मामला इतना बढ़ा कि कई स्तर पर इसकी चर्चा हुई। तब डीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई पर नतीजा नहीं निकल सका। बाद में डीएफओ मनीष सिंह ने पूरी रिपोर्ट बना कर शासन के माध्यम से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजी। मार्च माह में होली से पूर्व पूरा प्रस्ताव वन एवं पर्यावरण मंत्रालय पहुंच गया था। इस पर पिछले दिनों वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के महानिदेशक (डीजी) ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए समीक्षा की और पीटीआर के चारों तरफ की लोकेशन पर रिपोर्ट ली। डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि मामले में उत्तराखंड की सुरई रेंज हमारे यहां से टच करती है। इस वजह से ईको सेंसिटिव जोन को तय करने में उत्तराखंड के अधिकारियों से भी राय ली गई है। उम्मीद हैकि यह एक दो दिन में आ जाएगी। तब इसे शासन के जरिए मंत्रालय को भेजा जाएगा।
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