खून के सौदे के आरोप से दो डॉक्टरों समेत तीन बरी
Prayagraj News - प्रयागराज में खून का सौदा करने के मामले में डॉ. मुकेश टंडन और डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता सहित तीन आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। 2010 में कीडगंज पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा था जिसने बताया था कि वह...

प्रयागराज, विधि संवाददाता। खून का सौदा करने के आरोपी डॉ. मुकेश टंडन और डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता समेत तीन आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया है, जबकि मामले का मुख्य आरोपित जिससे ब्लड बैग बरामद हुए थे उसके अनुपस्थित रहने पर कोर्ट ने उसकी पत्रावली अलग कर दी है। मामला 2010 का है जब कीडगंज थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ा था जिसने बताया था कि वह गरीबों को कुछ पैसे देकर उनका खून निकाल लेता है और फिर उसे अच्छे दाम पर डॉक्टर को बेचता है।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपनी कहानी को साबित करने में असफल रही है नतीजतन आरोपितों को दोष मुक्त होने के योग्य हैं। यह आदेश विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट कुमारी अनीता प्रथम ने आरोपितों के अधिवक्ताओं प्रमोद सिंह नीरज, विजेंद्र सोनकर, शनि शुक्ला, बलवंत सिंह एवं लोक अभियोजक के विस्तृत तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूत का अवलोकन करने के बाद दिया।
अभियोजन के अनुसार कीडगंज पुलिस ने 26 मई 2010 को बाई का बाग चौराहा से आलोक व्यास नामक शख्स को गिरफ्तार किया। वह एक झोले में ब्लड के तीन बैग लेकर खड़ा था। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया था कि वह रिक्शा-तांगा चालकों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को बहलाकर 100-150 रुपये में उनका खून निकाल लेता है। वह इस काम के लिए खाली ब्लड बैग आनंद कुमार जायसवाल से सौ रुपये में प्राप्त करता है।
यह भी बताया कि इन ब्लड बैगों में खून भर कर मुंडेरा के दयाल नर्सिंग होम के डॉ. मुकेश टंडन और जीवनदीप नर्सिंग होम भरवारी में डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता को नौ सौ रुपये में बेचता है। डॉक्टर इसी ब्लड बैग को मरीजों को दो हजार रुपये में प्रयोग में लाते हैं। मुकदमे की विवेचना के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त आलोक व्यास के उपस्थित न होने पर पत्रावली को अलग करते हुए आरोपी आनंद कुमार, डॉ मुकेश टंडन और डॉ ओपी गुप्ता की पत्रावली सत्र सुपुर्द की गई।
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