Indian Scientists Develop Device for Rapid Blood Plasma and Bacteria Separation मिनटों में अलग हो जाएगा खून से प्लाज्मा और पानी से बैक्टीरिया, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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मिनटों में अलग हो जाएगा खून से प्लाज्मा और पानी से बैक्टीरिया

Prayagraj News - भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी डिवाइस विकसित की है जो मिनटों में खून से प्लाज्मा और पानी से बैक्टीरिया अलग कर सकती है। यह डिवाइस डीएसटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 6 May 2025 11:41 AM
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मिनटों में अलग हो जाएगा खून से प्लाज्मा और पानी से बैक्टीरिया

प्रयागराज, अनिकेत यादव। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस विकसित की है जो मिनटों में खून से प्लाज्मा और पानी से बैक्टीरिया अलग कर सकती है। यह डिवाइस न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि पैसे की भी बचत करेगी। यह डिवाइस डीएसटी (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) के प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई है। इससे संबंधित शोध प्रतिष्ठित जर्नल रायल सोसाइटी ऑफ केमिकल में प्रकाशित हुआ है। डिवाइस को भारत सरकार से बीस साल का पेटेंट भी मिल गया है। ट्रिपलआईटी अप्लाइड साइंस विभाग के डॉ. अमित प्रभाकर ने कहा कि मल्टीपल हाइड्रोडायनमिक्स तकनीक की मदद से ब्लड प्लाज्मा सेपरेशन (रक्त से प्लाज्मा अलग करने) और पानी से बैक्टीरिया को अलग करने के लिए एक अनोखी स्वदेशी डिवाइस बनाई है।

यह डिवाइस रक्त से प्लाज्मा के साथ लाल रक्त कणिकाएं (आरवीसी), श्वेत रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) और प्लेटलेट्स को भी अलग करने और पानी से बैक्टीरिया और दूषित पार्टिकल से अलग करने में सक्षम है। बताया कि डिवाइस का हर माइक्रोस्कोपिक चैनल एक सेकेंड में एक बूंद आउटपुट देता है। यह सामान्य विज्ञान के सिद्धांत का प्रयोग करके तैयार किया गया है। आगे बताया कि वर्तमान में इस काम के मौजूदा उपकरण की कीमत लाख रुपये है। लेकिन यह डिवाइस एक हजार रुपये में बाजार में उपलब्ध रहेगी। इस प्रोजेक्ट में एमटेक छात्र अंकुर जैसवार, प्रवीण कुमार और अमर ध्वज भी शामिल रहे। बगैर फिल्टर का कैंडल बदले पानी होगा शुद्ध डॉ. अमित बताते हैं कि प्रथम चरण में डिवाइस की मदद से पानी से बैक्टीरिया को अलग करने में सफलता मिली है। बात वाटर फिल्टर की करें तो बाजार में उपलब्ध सामान्य या आरओ फिल्टर में एक नियमित अंतराल पर कैंडल बदलने की जरूरत होती है लेकिन इस तकनीक में कैंडल की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसकी खासियत यह है कि यह दो से 10 नैनोमीटर से लेकर 10 माइक्रोमीटर तक के पार्टिकल फिल्टर कर सकता है।

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