Residents of Kashiraj Nagar in Prayagraj Struggle with Poor Sanitation and Water Issues बोले प्रयागराज : बदहाल गलियां और बजबजाती नालियां बनी इलाके की पहचान, शिकायतें बेअसर कैसे हो समाधान , Prayagraj Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : बदहाल गलियां और बजबजाती नालियां बनी इलाके की पहचान, शिकायतें बेअसर कैसे हो समाधान

Prayagraj News - प्रयागराज के काशीराज नगर में सफाई की लचर व्यवस्था से नालियां बजबजा रही हैं और लोग गंदगी तथा दुर्गंध से परेशान हैं। सीवर चोक होने और पानी के लो प्रेशर के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजThu, 24 April 2025 05:28 PM
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बोले प्रयागराज : बदहाल गलियां और बजबजाती नालियां बनी इलाके की पहचान, शिकायतें बेअसर कैसे हो समाधान

प्रयागराज, हिन्दुस्तान टीम। मुट्ठीगंज वार्ड 57 के काशीराज नगर में सफाई की लचर व्यवस्था के कारण नालियां बजबजा रही हैं। गंदगी और दुर्गन्ध से लोगों का बुरा हाल है। कभी नालियों से सिल्ट निकाली भी जाती है तो कई दिनों तक वहीं पड़ी रहती है। चोक सीवर लाइनों के कारण पानी ओवरफ्लो कर घरों में चला आता है। इसके साथ ही खस्ताहाल गलियां बड़ी परेशानी पैदा कर रही हैं। कभी कुछ काम होता भी है तो मुख्य मार्ग तक सिमट कर रह जाता है। गलियों में कोई झांकने भी नहीं आता। लो प्रेशर के कारण पूरे साल लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले प्रयागराज के तहत लोगों की समस्या जाननी चाही तो यहां के बाशिंदों ने चोक नाले-नालियों और जाम सीवर के साथ ही गलियों की दुर्दशा को दिखाया। चार वर्ष के लम्बे समय अंतराल में स्थानीय लोगों ने कई बार संबंधित अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत की, लेकिन शिकायतें बेअसर साबित हुईं। लोग समस्याओं का स्थायी समाधान चाहते हैं लेकिन न अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि, जिससे समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

नियमित सफाई न होने से नालियों में सिल्ट जमा है जिससे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। गंदा पानी गलियों में उतराता रहता है। कभी भूल से नाली की सफाई हो भी गई तो उससे निकली गंदगी वहीं कई दिनों तक पड़ी रहती है। बारिश के दिनों में लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। लोग घरों से नहीं निकल पाते। पास की मछली मंडी के आसपास रहने वालों को पूरे साल दुर्गंध की समस्या झेलनी पड़ती है। मछली बाजार के लोग जाते समय बचे अवशेष को यहीं फेंक कर चले जाते है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। लम्बे समय से सड़क और गलियों में दवा का छिड़काव नहीं किया गया है। कभी फागिंग होती भी है तो उससे गलियां अछूती रह जाती हैं। गंदगी और दुर्गंध के कारण लोगों का जीना मुहाल होता जा रहा है। समय रहते कार्रवाई न की गई तो यहां बीमारियां कभी भी सिर उठा सकती है।

लोगों को उम्मीद थी कि महाकुम्भ के दौरान यहां का कायाकल्प हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जो कुछ काम हुआ वह मुख्य मार्गों तक ही दिखा। खस्ताहाल गलियों की सूरत नहीं बदल पाई। गलियों में इंटरलाकिंग जगह-जगह से उखड़ चुकी है। बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं । कई जगह तो इंटरलाकिंग की ही नहीं गई है जिससे लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतें हो रही है। काशीराज नगर के पास स्थित राजेन्द्र नगर, मछली मंडी एवं गंगाराम व्यायामशाला के पास भी इंटरलाकिंग की सख्त जरूरत बताई जा रही है।

लम्बे समय से यहां पानी के लो प्रेशर की समस्या बनी हुई है। लो प्रेशर के कारण लोगों के घरों के भूतल तक भी पानी नहीं पहुंच पाता। मोटर लगाने के बाद ही पानी मिल पाता हैं। जिनके घर नीचे इलाके में हैं उन्हें तो पानी मिल जाता है लेकिन ऊंचे स्थानों पर बने मकानों में रहने वालों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। मजबूरी में लोगों को आरओ का पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। लोग इस बात से भी परेशान हैं कि गर्मी बढ़ने पर उन्हें पानी के लिए और मशक्कत करनी पड़ेगी। लोगों को इस बात की भी शिकायत है कि बराबर गृहकर सहित सभी कर अदा करने के बाद भी इलाके की अनदेखी की जा रही है।

न नया ट्यूबवेल बना, न पुराने का हो सका रीबोर

पेयजल समस्या से जूझ रहे लोग लम्बे समय से यहां नए ट्यूबवेल की स्थापना की मांग कर रहे हैं लेकिन नए नलकूप का निर्माण नहीं हो पाया। लोगों का कहना है कि जो ट्यूबवेल लगा है वह बीस वर्ष से अधिक समय का हो चुका है। आए दिन उसकी मोटर जल जाती है और लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। ट्यूबवेल के रीबोर के लिए विभागीय जिम्मेदारों सहित महापौर से भी कहा गया लेकिन रीबोर नहीं हो पाया जिससे पानी की समस्या बनी हुई है। नए ट्यूबवेल लगने पर ही पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।

मच्छरों के प्रकोप ने किया जीना मुहाल

गलियों में सफाई न होने और फागिंग के अभाव में मच्छरों की तादाद काफी बढ़ गई है जिससे लोगों की नींद हराम हो गई है। लोग बताते हैं कि कभी फागिंग होती भी है तो सिर्फ सड़कों पर ही होती है। गलियों में साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कर समय-समय पर फागिंग कराई जाए तो मच्छरों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है लेकिन ऐसा किया नहीं जा रहा जिससे लोगों को मच्छरों के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है।

उपेक्षा का शिकार है स्वतंत्रता सेनानी पार्क

यहां आजादी के मतवालों की स्मृति में बनाया गया स्वतंत्रता सेनानी पार्क उपेक्षा का शिकार बनता जा रहा है। लोगों में देश प्रेम की भावना विकसित हो और आजादी का दीप बुझने न पाए इसके लिए कई दशक पूर्व तत्कालीन विधायक सतीश चन्द्र जायसवाल एवं नगर महापालिका के तत्कालीन प्रशासक जेएन द्विवेदी ने यहां शिलापट लगाया गया था लेकिन वर्तमान में शिलापट की यह दशा है कि इसे ठीक से पढ़ा भी नहीं जा सकता। पिछले दिनों पार्क का जीर्णोद्धार कर इसमें झूले और व्यायाम के उपकरण भी लगाए गए थे लेकिन उनका समुचित रखरखाव नहीं किया जा रहा। पार्क में शाम होते ही नशेड़ी और अराजक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है जिससे लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।

शिकायतें

1. सफाई की उचित व्यवस्था के अभाव में नालियां जाम हैं, जिससे गंदगी फैलती है।

2. गलियों में इंटरलाकिंग जगह-जगह से उखड़ गई है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं।

3. लो प्रेशर के कारण घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, पानी खरीद कर पीना पड़ता है।

4. मच्छरों के प्रकोप से लोग नींद भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं, मेला के बाद समस्या बढ़ गई है।

5. स्वतंत्रता सेनानी पार्क में उपकरण एवं झूले रखरखाव के अभाव में खराब हो रहे हैं।

सुझाव

1. नालियों की नियमित सफाई की जाए, गलियों में खास ध्यान दिया जाए।

2. जहां इंटरलाकिंग उखड़ गई है उसे ठीक किया जाए तथा जहां जरूरत है लगाई जाए।

3. नलकूप का रीबोर कराने के साथ ही लीकेज का पता लगाकर उसे दूर किया जाए।

4. नालियों की नियमित सफाई कर दवाओं का छिड़काव किया जाए, नियमित फागिंग की जाए।

5. पार्क के उपकरणों का रखरखाव हो, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

--हमारी भी सुनें--

सफाई व्यवस्था ठीक न होने से नालियां गंदी रहती हैं। जिससे क्षेत्र में दुर्गंध रहती है। नाली की सिल्ट नहीं निकाली जा रही है।-नीरज केसरवानी

सफाई व्यवस्था ठीक न होने से गंदगी रहती है। जिस कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। गली में फॉगिंग नहीं होती है।-सिपाही लाल

नाली में गंदगी जमी है। सफाई न होने से दुर्गंध उठती है। नाली का गंदा पानी गली में बहता रहता है। मच्छरों का प्रकोप है।-अनिल केसरवानी

नालियों के साथ-साथ सीवर भी चोक हैं जो कि ओवरफ्लो करता है। आबादी दुर्गंध और गंदगी की गिरफ्त में रहती है।-जितेंद्र केसरवानी

गलियां क्षतिग्रस्त हैं। जिससे लोगों को आने-जाने में समस्या होती है। निर्माण कार्य रोड तक होकर सिमट जाता है। गली बननी चाहिए।-धर्मेंद्र कुमार

कोई जिम्मेदार गली की बदहाली देखने भी नहीं आता। नाली और सीवर चोक होने की समस्या निरंतर बनी रहती है। लोग परेशान हैं।-धीरेंद्र प्रताप सिंह

क्षेत्र में पानी के लो प्रेशर की समस्या लगातार रहती है। गर्मी के दिनों में यह बढ़ जाती है जिससे पेयजल का संकट उत्पन्न हो जाता है।-मुकेश जोशी

सीवर चोक हो जाता है जो कि ओवरफ्लो करने लगता है। आये दिन यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। मोहल्ले में मच्छरों का प्रकोप भी है।-अनिल केसरवानी

बारिश के दिनों में नाली और सीवर का गंदा पानी गली में बहता है। सीवर जाम रहता है। शिकायत के बाद भी समस्या दूर नहीं हो सकी है।-राजेंद्र साहू

मछली मंडी के आसपास रहने वालों को पूरे साल दुर्गंध की समस्या झेलनी पड़ती है। उचित सफाई व्यवस्था का प्रबंध होना चाहिये।-अनिल कुमार

क्षेत्र में गंदगी के साथ मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। सड़क पर फॉगिंग होती है लेकिन गलियां अछूती रह जाती हैं।-दिनेश कुमार

रोज सफाई नहीं होती। जिससे कूड़ा एक दूसरे के दरवाजे पर जाता है। यह नालियों में जाकर उसे जाम करता है। रोज सफाई होनी चाहिए।-ओम प्रकाश

गली का कूड़ा रोज नहीं उठता। झाड़ू भी समय से नहीं लगती। बस्ती वालों को गंदगी और बदबू के बीच रहना पड़ रहा है।-सुनील गुप्ता

रोज नाली की सफाई होनी चाहिए। सीवर चोक की समस्या दूर होनी चाहिए। क्षतिग्रस्त गली को बनाया जाना चाहिए।-प्रदीप केसरवानी

नाली जाम रहती है। सीवर भी आये दिन चोक हो जाता है और ओवरफ्लो कर जाता है। शिकायत के बावजूद समस्या बनी हुई है।-राजेंद्र कुमार

सीवर, नाली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को भी सुधारा नहीं जा रहा है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।-कमलेश केसरवानी

आसपास का कूड़ा नाली में जाता है। गली में रोज सफाई हो और कूड़ा उठना चाहिए। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है।-गोलू गुप्ता

कूड़ा गाड़ी रोज नहीं आती जिससे क्षेत्र में कूड़ा फैल जाता है। नाली की सफाई हो और झाड़ू भी रोज लगनी चाहिए ताकि गंदगी न हो।-वेद प्रकाश

बोले पार्षद

सफाईकमिर्यों की कमी के कारण कुछ काम प्रभावित हुआ है। सफाई व्यवस्था एवं इंटरलाकिंग के लिए नगर आयुक्त एवं महापौर से लगातार सम्पर्क किया जा रहा है। कुम्भ मेला के बाद बजट रुका हुआ है, लेकिन बजट मिलते ही इंटरलाकिंग की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

सतीश केसरवानी, पार्षद, वार्ड 57 मुट्ठीगंज

बोले जिम्मेदार--फोटो नहीं है

सफाई न होने की शिकायत निराधार है, नियमित सफाई की जा रही है, गंदगी के लिए लोग खुद जिम्मेदार हैं। जहां इंटरलाकिंग की समस्या है उसका पता लगा कर उसे शीघ्र ठीक करा दिया जाएगा।

श्याम कुमार, जोनल अधिकारी, नगर निगम

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