New Faco Machine Installed at District Hospital for Cataract Surgery Relief बिना चिरा लगाए मोतियाबिंद के नेत्र रोगियों का होगा ऑपरेशन, Raebareli Hindi News - Hindustan
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बिना चिरा लगाए मोतियाबिंद के नेत्र रोगियों का होगा ऑपरेशन

Raebareli News - विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में नेत्र रोगियों के लिए एक नई मशीन फेको विधि से मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के लिए स्थापित की गई है। अब ऑपरेशन बिना चीरे के किया जाएगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज...

Newswrap हिन्दुस्तान, रायबरेलीWed, 9 April 2025 12:38 AM
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बिना चिरा लगाए मोतियाबिंद के नेत्र रोगियों का होगा ऑपरेशन

रायबरेली,संवाददाता। विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले नेत्र रोगियों को एक बड़ी राहत मिल गई है। अस्पताल में अब मोतियाबिंद के ऑपरेशन फेको विधि मशीन से किया जाएगा। इससे पहले अभी मोतियाबिंद का ऑपरेशन चीरा लगाकर किया जाता है। इसके लिए अस्पताल में नई मशीन लग गई और नेत्र रोगियों का इलाज भी शुरू हो गया। मंगलवार को जिला अस्पताल के नेत्र विभाग के ऑपरेशन थिएटर में फेको मशीन को इंस्टाल करा दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सप्ताह से और बेहतर व सफल तरीके से मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जाने का काम शुरू होगा जाएगा। अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में नेत्र रोगियों का इलाज किया जाता है। इसमें कई मोतियाबिंद के मरीज भी इलाज के लिए प्रतिदिन आते हैं। वहीं बाहर लगने वाले कैंपों में चिह्नित मरीजों को भी यहां लाकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता है। इससे पहले अस्पताल में फेंको मशीन ना होने के चलते आंखों में चीरा लगाकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता था। इससे ऑपरेशन की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं रहती थी। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रदीप अग्रवाल के प्रयास से शासन से जिला अस्पताल को फेको मशीन भी मिल गई। मंगलवार को मशीन को ओटी में स्थापित भी करा दिया गया। अब मोतियाबिंद के ऑपरेशन इसी विधि से किए जाएंगे। इससे इलाज के लिए आने वाले नेत्र रोगियों को काफी राहत मिलेगी।

इनसेट

जिला अस्पताल को मिली पहली फेको मशीन

जनपद के निजी नेत्र चिकित्सालयों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में फेको मशीन न होने के कारण चीरा लगाकर नेत्र रोगियों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाता था। सरकारी अस्पतालों में लगने वाली यह पहली फेको मशीन है। इससे मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों को सहूलियत मिलेगी।

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