सड़क की पटरियां क्षतिग्रस्त करके पाइप डालने से लोगों को असुविधा
Sultanpur News - पाइप डालने के बाद ठीक से मिट्टी डालकर मरम्मत न करने से ग्रामीणों में आक्रोशसड़क की पटरियां क्षतिग्रस्त करके पाइप डालने से लोगों को असुविधासड़क की पटरि

पाइप डालने के बाद ठीक से मिट्टी डालकर मरम्मत न करने से ग्रामीणों में आक्रोश लंभुआ, संवाददाता
लंभुआ नगर पंचायत क्षेत्र में मौजूदा समय में जल जीवन मिशन अंतर्गत हर घर पानी पहुंचाने की योजना को लेकर सड़क के किनारे पटरियों को खोद कर जमीन के अंदर पाइप डालने का कार्य चल रहा है। इसके अलावा कई गांव में पाइप बिछाने का कार्य हो गया है और कई गांव में अभी भी हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन मिशन अंतर्गत सड़क के किनारे जो पाइप डालने का कार्य चल रहा है, उसमें मशीन द्वारा सड़क की पटरी पर एक मीटर गहरी खुदाई की जाती है, उसके बाद कर्मचारी पाइप डालने का कार्य करते हैं। लेकिन समस्या तब आती है जब पाइप डालने के बाद खुदाई वाले स्थान में ठीक से मिट्टी नहीं डालते। जिसके कारण लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। बरसात के दिनों में तो गांव की सड़क पर अगर दो वाहन क्रॉस हो रहे हैं तो, उसमें से कोई भी वाहन जरा सा भी सड़क से गाड़ी को किनारे किया तो निश्चित तौर पर उसे गाड़ी को उसी नाली में फसना है। नाली की गहराई कितनी ज्यादा मात्रा में रहती है कि गाड़ी के सस्ते ही वह धसती चली जाती है। उसे निकालने का बस एक चार रहता है की कोई ट्रैक्टर बुलवाओ तब जाकर गाड़ी बाहर निकलती है। बरसात के दिनों में तो स्कूली वाहन भी इन्हीं नालियों में फंस जाते हैं और घंटे मसक्कत करने के बाद ही बाहर निकलते हैं। तब तक छोटे-छोटे बच्चों को भी गाड़ी निकलने तक का इंतजार रहता है और वैसे ही वह खड़े रहते हैं। स्कूल पहुंचने में भी उन्हें काफी देर हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि पहली बात इतनी गहरी खुदाई, उसके बाद सही से मिट्टी ना डालना और मिट्टी को सही ढंग से ना बैठना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। इसके अलावा भी छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग भी इन्हीं रास्तों से होकर आते जाते हैं। कभी-कभी तो यह लोग भी इन्हीं नालियों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। पाइप डालने का कार्य अगर सही ढंग से मानक के अनुरूप किया जाए तो ऐसी समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी। लेकिन मनमानी ढंग से कराए गए कार्य के कारण उसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। ठेकेदार तो अपना कार्य करके पैसा लेकर चले जाते हैं, लेकिन परेशानी लोगों को झेलनी पड़ती है। लोगों ने कहा कि गांव में तो सबके घर नल लगे हुए हैं कुएं भी हैं, इसके अलावा नलकूप भी है, फिर इसकी आवश्यकता ही नहीं है। सरकार द्वारा बिना काम का पैसा खर्च किया जा रहा है। अगर हर घर नल योजना को सफल बनाना ही है तो उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वह इसका निरीक्षण करें और मानक के अनुरूप कार्य करवाए। तब जाकर ग्रामीणों को होने वाली असुविधाओं से बचाया जा सकता है।
इनसेट
मानक के अनुरूप मरम्मत ना कराने से होती है परेशानी
जल जीवन मिशन अंतर्गत सड़क की पटरियों की लगभग एक मीटर गहरी खुदाई कराकर ठेकेदार द्वारा पाइप तो डाल दी जाती है, पर उसके बाद फिर से ठीक तरह से मिट्टी डालकर उसकी मरम्मत नहीं कराई जाती है। जिसके कारण जरा सी बरसात होते ही मिट्टी धंस जाती है और दुर्घटनाएं होने की आशंका बन जाती है। रात के अंधेरे में तो और डर रहता है, चाहे कोई वाहन उसमें फंस जाए, चाहे बाइक सवार उसमें फंस कर गिर जाए। इसके अलावा जिसको इस कार्य के बारे में जानकारी नहीं रहती है कभी-कभी वह भी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तथा कभी-कभी तो मवेशियों का पर भी उसमें चला जाता है और वह भी उसी में फंस जाते हैं। मानक के अनुरूप मरम्मत ना कराए जाने से लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
कोट
जहां-जहां खुदाई करके पाइप डाली गई है, वहां मिट्टी डालकर ठीक से मरम्मत करने के लिए कहा गया है, अगर ठेकेदार द्वारा ऐसा नहीं किया गया है तो हम स्वयं निरीक्षण कर उसे सही कराएंगे।
उपेंद्र
अवर अभियंता जल निगम, लंभुआ सुलतानपुर
बोले लोग
सड़क की पटरियों को क्षतिग्रस्त करके मानक के विपरीत जमीन के अंदर पाइप डालने का कार्य किया जा रहा है। जिसके कारण लोगों के आवागमन में काफी असुविधा हो रही है।
सुनील कुमार सिंह
सड़क के किनारे काफी गहराई में खुदाई करके पाइप डालने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद ठीक से मिट्टी डालकर उसकी मरम्मत नहीं की जा रही है। जिसके कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
विवेक यादव
हर गांव में सड़क की पटरियों को क्षतिग्रस्त करके पाइप डाल रहे हैं। आए दिन उसमें वाहन फंस जाते हैं, जो काफी मशक्कत के बाद बाहर आ पाते हैं।
गंगाराम
गहरी नाली खोदने से और ठीक से मिट्टी ना डालने से कई बार लोगों का पर उसमें चला जाता है और लोग उसमें गिरकर चोटिल हो जाते हैं। अगर पाइप डालने के बाद ठीक से मरम्मत कर दी जाए तो ऐसी समस्या उत्पन्न ही ना हो।
रामचंद्र
चाहे नगर पंचायत क्षेत्र में और चाहे ग्रामीण क्षेत्र में जहां भी खुदाई कर पाइप डालने का कार्य हो रहा है वहां के लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
राम बहादुर यादव
बरसात के दिनों में तो अक्सर वाहन तथा स्कूली गाड़ियां इन्हीं नालियों में फंस जाती हैं। जिसके कारण बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी देरी हो जाती है। स्कूल संचालक तथा अभिभावक दोनों की डांट चालक को सुननी पड़ती है।
आजाद
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