VIDEO: वाराणसी में शिव जी की बारात पर होटल से नोटों की बारिश, लूटने के लिए मची अफरातफरी
महाशिवरात्रि के मौके पर वाराणसी में निकली शिव जी की बारात पर एक होटल से नोटों की बारिश की गई। नोट लूटने के लिए अफरातफरी मच गई। हवा में उड़ते नोटों को लूटने के लिए बारात देख रहे लोगों के साथ ही बाराती बने युवकों में होड़ सी लग गई। किसी हादसे की आशंका को देखते हुए आधे घंटे बाद इसे बंद कराया गया।

महाशिवरात्रि के मौके पर वाराणसी में निकली शिव जी की बारात पर एक होटल से नोटों की बारिश की गई। नोट लूटने के लिए अफरातफरी मच गई। हवा में उड़ते नोटों को लूटने के लिए बारात देख रहे लोगों के साथ ही बाराती बने युवकों में होड़ सी लग गई। आधे घंटे तक इसी तरह नोटों की बारिश होती रही और नीचे लोग उसे लूटते रहे। भारी भीड़ के बीच स्थिति यह हो गई कि नोट लूटने के लिए काफी संख्या में युवक मौके पर ही रुकने लगे। इससे भगदड़ या किसी अन्य हादसे की आशंका बन गई। ऐसे में नोटों की बारिश बंद कराई गई।
हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि पर शिव जी की बारात निकाली गई। दारानगर से निकली बारात पारंपरिक रास्तों से होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य गेट के सामने से रात करीब नौ बजे गोदौलिया की तरफ बढ़ रही थी। इसी दौरान गोदौलिया चौराहे से ठीक पहले स्थित होटल की तीसरी मंजिल से बारात पर नोटों की बारिश शुरू हो गई।
पहले सौ-सौ के नोट बरसाए गए। इसके बाद 50-50 और फिर 20-20 के नोट होटल के बरामदे से बरसते रहे। बताया जाता है कि महाराष्ट्र से आए एक शिव भक्त श्रद्धालु का परिवार यहां ठहरा है। उनके परिवार में बारात आने पर नोटों की बारिश करने का चलन है। ऐसे में यहां शिवजी की बारात में भी नोटों की बारिश शुरू की थी।
आधे घंटे तक रुक-रुक कर नोट बरसते रहे और नीचे खड़े लोगों में नोटों को लूटने के लिए होड़ मचती रही। इसी बीच बारात देख रहे लोगों के साथ ही बाराती बने युवक नोटों को लूटने के लिए होटल के नीचे ही रुकने लगे। उनके रुकने से बारात में व्यवधान होने लगा। सड़क किनारे बारात देखने के लिए परिवार के साथ खड़े लोगों को भी परेशानी होने लगी।
नोटों को अपने पंजे में दबोचने के लिए युवक एक दूसरे को धक्का भी देने लगे तो स्थिति बिगड़ने लगी। नोटों की बारिश से भगदड़ या किसी अन्य हादसे की आशंका बनने लगी तो कुछ लोगों ने आगे आए और नोट बरसा रहे लोगों को नीचे से इशारा करके ऐसा नहीं करने की अपील की। नोटों का बरसना बंद हुआ तो बाराती भी आगे बढ़े और सभी ने राहत की सांस ली।